पादरु - एक आईना भारत
पादरु । कल्पवृक्ष के नाम से सुप्रसिद्ध खेजड़ी पर अब खींची के साथ सांगरी लगने लगी है खेजड़ी पर लगी खींची को देखकर इस बार बड़ी मात्रा में सांगरी लगने की उम्मीद है खेत खलियानों में पेड़ खेजड़ी पर अब सांगरी लगने की तैयारी है सांगरी के लगने से पूर्व टहनियों व डालियों पर लगने वाली खींची( फूल ) से खेजड़ी लदकद हैं इस खींची के बाद खेजड़ी पर सांगरी लगती है वहीं ईसकी सब्जी बनाई जाती हैं साथ ही औषधीय रूप में भी काम आती हैं इस वर्ष जिस प्रकार से टहनियों पर फूल लगे हैं उसके अनुसार इस वर्ष से सांगरी की बंपर पैदावार की संभावना है मारवाड़ क्षेत्र में सब्जियों में सांगरी का महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है मारवाड मे ईन तपते धोरों के बीच फूलों से लदी खेजरी अच्छे उत्पादन की उम्मीद मारवाड़ में इन दिनों तक धोरों के बीच खेजड़ी के झाड़ फूलों से लदे नजर आ रहे हैं ग्रामीण क्षेत्र मिठौड़ा, पादरु, धनवा, दाखां, धारणा, कांखी ,पंऊ ,आसपास क्षेत्र मे अच्छे उत्पादन की उम्मीद है लोकडाऊन व कोरोना के कारण ग्रामीणों को अपने घरों के पास खेजड़ी की सांगरी एकत्रित करने शुरू कर दिए पादरु निवासी विजयराज राजपुरोहित ने बताया कि यहां की केर, सांगरी, कूमट की सब्जी की मांग न केवल देश मे बल्कि विदेश मे भी बहुत डिमांड है
पादरु कस्बे व आसपास के क्षेत्र में बसंत की ऋतु के साथ ही खेजड़ी पर सांगरी की बहार छाने लगी है ऐसे में किसानों को अच्छी सांगरी की अच्छी उत्पादन की उम्मीद है सांगरी की मुख्य रूप से मांग सब्जी के रूप में होती है उनकी सब्जी बहुत स्वादिष्ट होती हैं सांगरी के भाव भी अच्छे चल रहे हैं इनकी डिमांड शहरों व जिले में हर जगह रहती है सांगरी कई बार तो इसके भाव 1500 सौ रुपये मे बिकती है लेकिन अबकी बार करिब 1000 रुपये प्रति किलो तक रहे हैं इस बार भी भाव हजार से ऊपर चल रहे हैं जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर सहित आसपास जिलों में खेजड़ी की सांगरी काफी होती है गर्मी व लू में इस पर फूलों की भरमार रहती है इस पर ग्रामीणों ने बताया कि गर्मी में भी खेजड़ी की सांगरी का उत्पादन अच्छा रहता है
पादरु । कल्पवृक्ष के नाम से सुप्रसिद्ध खेजड़ी पर अब खींची के साथ सांगरी लगने लगी है खेजड़ी पर लगी खींची को देखकर इस बार बड़ी मात्रा में सांगरी लगने की उम्मीद है खेत खलियानों में पेड़ खेजड़ी पर अब सांगरी लगने की तैयारी है सांगरी के लगने से पूर्व टहनियों व डालियों पर लगने वाली खींची( फूल ) से खेजड़ी लदकद हैं इस खींची के बाद खेजड़ी पर सांगरी लगती है वहीं ईसकी सब्जी बनाई जाती हैं साथ ही औषधीय रूप में भी काम आती हैं इस वर्ष जिस प्रकार से टहनियों पर फूल लगे हैं उसके अनुसार इस वर्ष से सांगरी की बंपर पैदावार की संभावना है मारवाड़ क्षेत्र में सब्जियों में सांगरी का महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है मारवाड मे ईन तपते धोरों के बीच फूलों से लदी खेजरी अच्छे उत्पादन की उम्मीद मारवाड़ में इन दिनों तक धोरों के बीच खेजड़ी के झाड़ फूलों से लदे नजर आ रहे हैं ग्रामीण क्षेत्र मिठौड़ा, पादरु, धनवा, दाखां, धारणा, कांखी ,पंऊ ,आसपास क्षेत्र मे अच्छे उत्पादन की उम्मीद है लोकडाऊन व कोरोना के कारण ग्रामीणों को अपने घरों के पास खेजड़ी की सांगरी एकत्रित करने शुरू कर दिए पादरु निवासी विजयराज राजपुरोहित ने बताया कि यहां की केर, सांगरी, कूमट की सब्जी की मांग न केवल देश मे बल्कि विदेश मे भी बहुत डिमांड है
पादरु कस्बे व आसपास के क्षेत्र में बसंत की ऋतु के साथ ही खेजड़ी पर सांगरी की बहार छाने लगी है ऐसे में किसानों को अच्छी सांगरी की अच्छी उत्पादन की उम्मीद है सांगरी की मुख्य रूप से मांग सब्जी के रूप में होती है उनकी सब्जी बहुत स्वादिष्ट होती हैं सांगरी के भाव भी अच्छे चल रहे हैं इनकी डिमांड शहरों व जिले में हर जगह रहती है सांगरी कई बार तो इसके भाव 1500 सौ रुपये मे बिकती है लेकिन अबकी बार करिब 1000 रुपये प्रति किलो तक रहे हैं इस बार भी भाव हजार से ऊपर चल रहे हैं जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर सहित आसपास जिलों में खेजड़ी की सांगरी काफी होती है गर्मी व लू में इस पर फूलों की भरमार रहती है इस पर ग्रामीणों ने बताया कि गर्मी में भी खेजड़ी की सांगरी का उत्पादन अच्छा रहता है
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