पादरू । पूरा देश ही नहीं विश्व कोरना जैसी महामारी के संकट से जूझ रहे इस बीच हमारे भगवान के जाने वाले डॉक्टरों की हिम्मत जोश और जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है बाड़मेर के सिवाना उपखंड क्षेत्र के पादरु कस्बे के समीप ईटवाया एएनएम नीरज शर्मा अपने खुद के हाथ जख्मी , हाथ में दर्द हो रहा है हाथ टूटा होने पर भी जनता की सेवा में अनूठी मिसाल कायम कर रही है एएनएम नीरज शर्मा वर्तमान में बाड़मेर जिले के सिवाना उपखंड के ईटवाया गाँव में एएनएम के पद पर कार्यरत हैं जो आसपास पादरु कस्बे सहित आसपास गांव ईटवाया में सर्वे कार्य में जुटी हुई है
सन 2005 में लगी नौकरी
अब इनके हाथ जख्मी , बहुत दर्द ,हाथ टूटा होने पर भी अपने दर्द के दौर में भी मानव सेवा का जोश और जज्बा कम नहीं है असहनीय दर्द और पीड़ा के बावजूद नीरज शर्मा कोरना वायरस महामारी में ईटवाया गांव में अपने गांव भरत पुर से 600 किलोमीटर दूर है । सर्वे कर रही है वही लगभग आज तक 230 होम आइसोलेशन किया । नीरज शर्मा भरतपुर जिले की रहने वाली हैं जो एएनएम की 2005 से नौकरी बाड़मेर जिले के ईटवाया गांव मे लगी थी अब ऐसी परिस्थिति में नीरज शर्मा बाड़मेर जिले की ईटवाया के घर-घर तक पहुंच कोरोना वायरस के लक्षण जानने व आमजन को जागरूकता का काम कर रही है वहीं हर घर-घर पहुंचकर महिला व पुरुषों को सोशल डिस्टेंशन का विशेष ध्यान के बारे में जानकारी दे रही है ऐसे में उनके हाथ के दर्द को असहनीय दर्द को न मानते हुए लोक डाउन में ऐसे लोगों को संक्रमण की जानकारी देने मू जुटी है नीरज शर्मा काम के प्रति निष्ठा से कर रही है
कड़ी धुप के बीच धोरों के बीच कर रही है डयुटी
नीरज शर्मा आज ऐसे विकेट के हालात में भी अपने गृह जिले से 600 किलोमीटर दूर बाड़मेर जिले की ईटवाया में अपनी ड्यूटी को नियमित रूप से निभा रही है वह नियमित रूप से हर समय एएनएम होने का धर्म निभा रही है
मैं 2005 से बाड़मेर जिले की ईटवाया में मेरी एएनएम पर ड्यूटी लगी हुई है और अब पांच से मां से मेरे पास 2 गांव का चार्ज है जोकि पंऊ , ईटवाया दोनों गांव की चार्ज मेरे पास है मेरे हाथ दर्द तो कर रहा है फिर भी ऐसे हालात मे देश सेवा मे मैं समर्पण से काम करना चाहिए -
नीरज शर्मा , एएनएम ,ईटवाया
सन 2005 में लगी नौकरी
अब इनके हाथ जख्मी , बहुत दर्द ,हाथ टूटा होने पर भी अपने दर्द के दौर में भी मानव सेवा का जोश और जज्बा कम नहीं है असहनीय दर्द और पीड़ा के बावजूद नीरज शर्मा कोरना वायरस महामारी में ईटवाया गांव में अपने गांव भरत पुर से 600 किलोमीटर दूर है । सर्वे कर रही है वही लगभग आज तक 230 होम आइसोलेशन किया । नीरज शर्मा भरतपुर जिले की रहने वाली हैं जो एएनएम की 2005 से नौकरी बाड़मेर जिले के ईटवाया गांव मे लगी थी अब ऐसी परिस्थिति में नीरज शर्मा बाड़मेर जिले की ईटवाया के घर-घर तक पहुंच कोरोना वायरस के लक्षण जानने व आमजन को जागरूकता का काम कर रही है वहीं हर घर-घर पहुंचकर महिला व पुरुषों को सोशल डिस्टेंशन का विशेष ध्यान के बारे में जानकारी दे रही है ऐसे में उनके हाथ के दर्द को असहनीय दर्द को न मानते हुए लोक डाउन में ऐसे लोगों को संक्रमण की जानकारी देने मू जुटी है नीरज शर्मा काम के प्रति निष्ठा से कर रही है
कड़ी धुप के बीच धोरों के बीच कर रही है डयुटी
नीरज शर्मा आज ऐसे विकेट के हालात में भी अपने गृह जिले से 600 किलोमीटर दूर बाड़मेर जिले की ईटवाया में अपनी ड्यूटी को नियमित रूप से निभा रही है वह नियमित रूप से हर समय एएनएम होने का धर्म निभा रही है
मैं 2005 से बाड़मेर जिले की ईटवाया में मेरी एएनएम पर ड्यूटी लगी हुई है और अब पांच से मां से मेरे पास 2 गांव का चार्ज है जोकि पंऊ , ईटवाया दोनों गांव की चार्ज मेरे पास है मेरे हाथ दर्द तो कर रहा है फिर भी ऐसे हालात मे देश सेवा मे मैं समर्पण से काम करना चाहिए -
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