सिद्धान्त और विचारधाराओं से खिलवाड़ हो रहा है आज की राजनीति में



एक आईना भारत सिरोही


नेता जनसेवा और जनहित को भूलकर पद और कद के लिए दिन-रात जतन करते नजर आ रहे हैं- रावल



नेता जनसेवा और जनहित को भूलकर कद पद और प्रतिष्ठा के लिए लड़ रहे हैं  

आमतौर पर कहा जाता है कि राजनीति सेवा का विषय है इसलिए इसमें न परीक्षा होती है और न योग्यता जरूरी हैं इसलिए वेतन भत्ते और अन्य सुख सुविधा भरपुर है । साथ ही अंगूठा छाप मंत्री बनता है और पोस्टग्रेजुए वर्ग को दिशा निर्देश जारी करता है जबकी उनकी खुद दशा और दिशा तय नही होती कब कहा पलटी मार दे कोई गारंटी वारंटी नहीं । पहले विचारधारा और सिद्धांत की राजनीति होती थी आज कद पद प्रतिष्ठा और सीट के लिए राजनीति में आते हैं मतलब साफ है अपना उल्लु सीधा करना हैं भले ही जनहित और जनसेवा को तिलांजली देनी पड़े ।वैसे आमतौर पर सभी नेता अपने आप को जनहित और जनसेवा में समर्पित मानते हैं जबकि हकीकत में वो अपने पद और कद के लिए ही दिन-रात जतन करते हैं इसलिए आज नेताओं के घर नेता पनप रहे हैं जबकि आम कायॅकता आज भी पार्टी की झण्डी और दरी बिछाने तक सिमित है आज ऐसे लोग राजनीति में प्रवेश कर गये हैं जिनको इतिहास भूगोल तथा कल्चर का ज्ञान नहीं फिर भी वो हमारे सम्मानीय नेताजी हैं ।अब बताओ गलती किसकी नेताओं की या उनको जीतकर भेजने वाली जनता की? क्योंकि जनता 70साल से लोकतंत्र का पर्व मना रही है और प्रति पांच साल में अच्छी सरकार की आश में वोट देती है लेकर अफसोस आज भी लोग मुलभुत सुविधाओं से वंचित हैं अधिकतर गांवो में आज भी बिजली पानी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा यातायात व सड़क का इंतजार है तो लोग फ्लोराइड युक्त बेस्वाद दूषित पानी पीने को मजबूर हैं जबकि हमारे नेताजी जनता के धन से ऐशमौज कर रहे हैं फ़ाइव स्टार लाइफ तथा लम्बे समय तक 5सितारा होटलों में खाना पीना और रहना जबकी आमजन देश के विकास और उत्थान के लिए कर और टेक्स दे रहा है और आमजन का विकास और कल्याण हो जबकी कल्याण और विकास हो तो रहा लेकिन सिर्फ नेताओं और उनके परिचित व परिवारों का जबकी आम-जन आज भी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। लोकतंत्र का अर्थ जनता का जनता के लिए और जनता द्वारा चलाए गये शासन से हैं जबकि आजकल आमतौर पर लोकतंत्र अल्पतंत्र का रूप धारण करता जा रहा है जो जनहित और जनसेवा के विपरीत हैं ।

हितेश कुमार रावल झाड़ोलीवीर

ग्रामीण पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता 
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