चार वर्ष बाद भी मनोहर राजपुरोहित नेतरा का कोई सुराग नहीं, सीबीआई जांच की उठी मांग
सीआईडी जांच के बाद भी पुलिस के हाथ खाली, प्रशासन पर उठे कई सवाल
एक आईना भारत /अशोक राजपुरोहित
खरोकडा/ पाली जिले के नेतरा गांव का रहना वाला मनोहर को लापता हुए चार वर्ष हो गये पर अब तक कोई भी सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा है बात है 23 नवंबर 2016 को सुबह 6 बजे फालना कोचिंग क्लासेस में पढने गया था। स्कूल से पढाई करके 11.30 बजे वापस निकला था कि उसका बीच रास्ते में ही अपहरण हो जाता है उसके बाद नजदीक के सुमेरपुर थाने में एफ आई आर 152 दर्ज करवाई जाती हैं इस मामले को सर्वप्रथम उप अधीक्षक सुमेरपुर के नेतृत्व में जांच शुरु होती हैं अपहरणकर्ता ने 25 लाख की फिरौती की मांग भी करते हैं फिरौती को लेकर मौके पर पहुंचा भी जाता था। उसके बाद भी अपहरणकर्ता पुलिस और परिवार वालो को घूमराह करता रहता था आखिर में राजपुरोहित समाज व जनप्रतिनिधियों के दबाब के कारण जांच सीआईडी को सौंपी जाती है फिर भी पुलिस के हाथ खाली है आहोर विधायक और सुमेरपुर विधानसभा के विधायक ने मामले को विधानसभा में भी रखा पर अब तक मनोहर का कोई सुराग नहीं मिला। पत्रकार अशोक राजपुरोहित ने प्रशासन और पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किये।आखिर मनोहर का पता पुलिस क्यो नही लगा पाई जबकि मामला विधानसभा में तक उठाया गया। भाजपा की सरकार में मामला हुआ तब कि वसंधरा राजे की सरकार भी मनोहर का पता नहीं लगा पाई और अब गहलोत सरकार भी इस मामले का हल नहीं निकाल पाई है क्यों सरकार ऐसे संवेदनशील मामले को ठंडे बस्ते में डाल सकती हैं आखिर पुलिस की जांच उन अपहरणकर्ता तक क्यूं नही पहुँच पाई। राजपुरोहित समाज ने नेताओं की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किये हैं समाज के दोनो पार्टी में जिला अध्यक्ष रहते पुलिस मनोहर का पता क्यूं नहीं लगा पाई। क्या नेताओं की उदासीनता की वजह या आपसी टकराव के कारण ऐसे कई प्रश्न सामने आ रहे है अब राजपुरोहित समाज गहलोत सरकार से मांग कर रहा है कि इस जांच को सीबीआई को सौंपा जाये ताकि मनोहर के साथ क्या हुआ उसका पता लग सके।
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