पड़ोसी गुंडा कहते थे, पाकिस्तान को हराकर बाहर किया:वुशु प्लेयर रोहित के सामने आने से डरते हैं खिलाड़ी, चार इंटरनेशनल मेडल जीत चुके हैं
पड़ोसी गुंडा कहते थे, पाकिस्तान को हराकर बाहर किया:वुशु प्लेयर रोहित के सामने आने से डरते हैं खिलाड़ी, चार इंटरनेशनल मेडल जीत चुके हैं
पाकिस्तान के खिलाड़ी को धूल चटाने वाले वुशु बॉय के खौफ से खिलाड़ी ही मैदान में नहीं आया। भारतीय वुशु टीम के खिलाड़ी जयपुर के रहने वाले रोहित जांगिड़ के लिए ये सफर आसान नहीं रहा। उनका कहना है कि, बचपन में लोग ताने मारते थे। कहते थे, बड़ा होकर गुंडा बनेगा। परिवार ने भी शुरूआती दौर में साथ नहीं दिया। मगर गेम पर फोकस और मेहनत से भारतीय टीम में सिलेक्शन हुआ। तीन अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेलकर कई मेडल जीते है। जैसलमेर में स्टेट लेवल के वुशु कॉम्पिटिशन में भाग लेने आए रोहित ने भास्कर से बात की।
रोहित बोले, शुरूआत में फैमिली सपोर्ट नहीं मिला
भारतीय वुशु टीम के खिलाड़ी और राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल रोहित जयपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि वह 9th क्लास से वुशु खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि शुरुआत में कई दिक्कतों का सामना किया। पहले काफी दुबला-पतला हुआ करता था। फैमिली भी सपोर्ट नहीं करती थी। घरवाले कहते थे, पढ़ाई-लिखाई करोगे तो आगे जाओगे। खेल में क्या रखा है। गर्वनमेंट जॉब की तैयारी करो। खेलते हुए चोट लगती रहती थी, तो घरवाले परेशान होते थे।
रोहित ने कहा कि वह मिडिल क्लास फैमिली से आते है। पापा का फर्नीचर का काम है और मम्मी हाउस वाइफ है। वह नहीं जानते थे कि गेम में भी स्कोप है। मगर अब परिवार का साथ मिलता है। रोहित ने बताया कि वह सुबोध स्कूल से पास आउट है। स्कूल में सीनियर गुरविंदर सिंह को गेम के कारण कई बार प्राइज मिलता था। उनको देखकर मैंने भी ट्रेनिंग लेना शुरू किया।
तीन अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेले
भारतीय वुशु टीम के खिलाड़ी रोहित ने बताया कि अपने गुरु राजेश टेलर के आज इस मुकाम पर है। उन्होंने बहुत से खिलाड़ियों को तैयार किया है जो आज नेशनल और इंटरनेशनल खेल रहे हैं। रोहित ने बताया कि वह इंटरनेशनल स्तर पर भारत की तरफ से प्रतिनिधित्व कर चुके है। तीन अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में भी खेले है। रोहित चार बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को वुशु पदक दिला चुके हैं। उन्होंने बताया कि खेल के दम पर ही स्पोर्टस कोटे से चार साल पहले पुलिस में नौकरी मिली। अब भारत के लिए एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करने का सपना है।
रोहित ने हांगकांग में हुई 12वीं वुशु अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में कांस्य पदक, 9वीं वर्ड इंटरनेशनल चैंपियनशिप जॉर्जिया में कांस्य पदक, अंतर्राष्ट्रीय वुशु कप नेपाल में कांस्य पदक जीता था। थाईलैंड के फुकेट में 6 महीने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी ट्रेनिंग एकेडमी में भी ट्रेनिंग लेने का मौका मिला।
हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें श्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार दिया है। वीर तेजा पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे राइजिंग स्टार अवार्ड और राज्यपाल कलराज मिश्र के हाथों भी सम्मानित होने का मौका मिला है।
लोग कहते थे, गुंडा बनेगा
रोहित ने बताया कि खेल के शुरूआत में किसी का सपोर्ट नहीं मिला। आस-पास के लोग ताने मारते थे। घरवालों को कहते थे कि तुम्हारे बच्चे को क्या लात-घूसे मारना सिखा रहे हो। बड़ा होकर गुंडा बनेगा। अपने बच्चों से तुलना करते थे। तानों से परेशान होकर एक टाइम आया कि जॉब भी करना शुरू किया। मगर सुबह के समय सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देता था। उससे मिलने वाले रुपयों से अपनी डाइट का इंतजाम करता था। रोहित हंसते हुए कहते है कि ताने देने वाले लोग आज पापा को फोन कर बधाई देते है। लोग पहचानते हैं और साथ में फोटो लेने के लिए भीड़ लगती है। ऐसे मूवमेंट से प्राउड फील होता है।
हांगकांग में पाकिस्तानी खिलाड़ी को हराया
फर्स्ट टाइम इंडिया से बाहर हांगकांग खेलने गया था। फाइनल मुकाबला पाकिस्तान के साथ था। डर भी लग रहा था क्योंकि सामने वाला खिलाड़ी बॉडी में मजबूत था। फाइट स्टार्ट हुई थी दोनों के पांइट में ज्यादा अंतर नहीं था। उसने चिंटिंग की और एक-दो फाउल मारे। उस दौरान मैच देखने आए इंडिया समर्थकों ने इंडिया-इंडिया और वंदे मातरम बोलना शुरू किया। तब एंग्रेशन में खेलते हुए पाकिस्तानी खिलाड़ी पर जवाबी अटैक किया और मुकाबला जीता।
पाकिस्तान के खिलाड़ी को धूल चटाने वाले वुशु बॉय के खौफ से खिलाड़ी ही मैदान में नहीं आया। भारतीय वुशु टीम के खिलाड़ी जयपुर के रहने वाले रोहित जांगिड़ के लिए ये सफर आसान नहीं रहा। उनका कहना है कि, बचपन में लोग ताने मारते थे। कहते थे, बड़ा होकर गुंडा बनेगा। परिवार ने भी शुरूआती दौर में साथ नहीं दिया। मगर गेम पर फोकस और मेहनत से भारतीय टीम में सिलेक्शन हुआ। तीन अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेलकर कई मेडल जीते है। जैसलमेर में स्टेट लेवल के वुशु कॉम्पिटिशन में भाग लेने आए रोहित ने भास्कर से बात की।
रोहित बोले, शुरूआत में फैमिली सपोर्ट नहीं मिला
भारतीय वुशु टीम के खिलाड़ी और राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल रोहित जयपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि वह 9th क्लास से वुशु खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि शुरुआत में कई दिक्कतों का सामना किया। पहले काफी दुबला-पतला हुआ करता था। फैमिली भी सपोर्ट नहीं करती थी। घरवाले कहते थे, पढ़ाई-लिखाई करोगे तो आगे जाओगे। खेल में क्या रखा है। गर्वनमेंट जॉब की तैयारी करो। खेलते हुए चोट लगती रहती थी, तो घरवाले परेशान होते थे।
रोहित ने कहा कि वह मिडिल क्लास फैमिली से आते है। पापा का फर्नीचर का काम है और मम्मी हाउस वाइफ है। वह नहीं जानते थे कि गेम में भी स्कोप है। मगर अब परिवार का साथ मिलता है। रोहित ने बताया कि वह सुबोध स्कूल से पास आउट है। स्कूल में सीनियर गुरविंदर सिंह को गेम के कारण कई बार प्राइज मिलता था। उनको देखकर मैंने भी ट्रेनिंग लेना शुरू किया।
तीन अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेले
भारतीय वुशु टीम के खिलाड़ी रोहित ने बताया कि अपने गुरु राजेश टेलर के आज इस मुकाम पर है। उन्होंने बहुत से खिलाड़ियों को तैयार किया है जो आज नेशनल और इंटरनेशनल खेल रहे हैं। रोहित ने बताया कि वह इंटरनेशनल स्तर पर भारत की तरफ से प्रतिनिधित्व कर चुके है। तीन अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में भी खेले है। रोहित चार बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को वुशु पदक दिला चुके हैं। उन्होंने बताया कि खेल के दम पर ही स्पोर्टस कोटे से चार साल पहले पुलिस में नौकरी मिली। अब भारत के लिए एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करने का सपना है।
रोहित ने हांगकांग में हुई 12वीं वुशु अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में कांस्य पदक, 9वीं वर्ड इंटरनेशनल चैंपियनशिप जॉर्जिया में कांस्य पदक, अंतर्राष्ट्रीय वुशु कप नेपाल में कांस्य पदक जीता था। थाईलैंड के फुकेट में 6 महीने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी ट्रेनिंग एकेडमी में भी ट्रेनिंग लेने का मौका मिला।
हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें श्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार दिया है। वीर तेजा पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे राइजिंग स्टार अवार्ड और राज्यपाल कलराज मिश्र के हाथों भी सम्मानित होने का मौका मिला है।
लोग कहते थे, गुंडा बनेगा
रोहित ने बताया कि खेल के शुरूआत में किसी का सपोर्ट नहीं मिला। आस-पास के लोग ताने मारते थे। घरवालों को कहते थे कि तुम्हारे बच्चे को क्या लात-घूसे मारना सिखा रहे हो। बड़ा होकर गुंडा बनेगा। अपने बच्चों से तुलना करते थे। तानों से परेशान होकर एक टाइम आया कि जॉब भी करना शुरू किया। मगर सुबह के समय सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देता था। उससे मिलने वाले रुपयों से अपनी डाइट का इंतजाम करता था। रोहित हंसते हुए कहते है कि ताने देने वाले लोग आज पापा को फोन कर बधाई देते है। लोग पहचानते हैं और साथ में फोटो लेने के लिए भीड़ लगती है। ऐसे मूवमेंट से प्राउड फील होता है।
हांगकांग में पाकिस्तानी खिलाड़ी को हराया
फर्स्ट टाइम इंडिया से बाहर हांगकांग खेलने गया था। फाइनल मुकाबला पाकिस्तान के साथ था। डर भी लग रहा था क्योंकि सामने वाला खिलाड़ी बॉडी में मजबूत था। फाइट स्टार्ट हुई थी दोनों के पांइट में ज्यादा अंतर नहीं था। उसने चिंटिंग की और एक-दो फाउल मारे। उस दौरान मैच देखने आए इंडिया समर्थकों ने इंडिया-इंडिया और वंदे मातरम बोलना शुरू किया। तब एंग्रेशन में खेलते हुए पाकिस्तानी खिलाड़ी पर जवाबी अटैक किया और मुकाबला जीता।
रोहित के सामने मैदान में नहीं आया खिलाड़ी
जैसलमेर में 29 मार्च से स्टेट लेवल वुशु प्रतियोगिता का बुधवार शाम समापन हुआ। सेमीफाइनल मैच में जयपुर से रोहित जांगिड़ ने बीकानेर के सुमित को हराकर फाइनल में जगह बनाई। फाइनल मुकाबले की तैयारी थी। उससे पहले ही लू लगने से रोहित की तबीयत खराब हो गई। इस कारण वह फाइनल नहीं खेल पाए। प्रतियोगिता में बुधवार शाम जयपुर और श्रीगंगानगर का मुकाबला था।
श्रीगंगानगर के खिलाड़ी रिषभ सोलंकी को रोहित के सामने मैदान में उतरना था। रोहित तय पर पहुंचे मगर रिषभ का सब इंतजार ही करते रह गए। उन्होंने हार मानते हुए खेलने से मना कर दिया। ऐसा सुनकर सब चौंक गए और रोहित ने सेमीफाइनल में प्रवेश किया। रोहित ने पहला मैच अलवर के खिलाड़ी अशोक को हराकर जीता था।
वुशू एक चीनी मार्शल आर्ट खेल
वुशू एक चीनी मार्शल आर्ट खेल है। लड़ाई गतिविधियों के साथ आंतरिक और बाहरी दोनों तरह के अभ्यास इसमें किए जाते हैं। इसे दो वर्गों ताओलो और संसौ में बांटा गया है। ताओलो में मार्शल आर्ट पैटर्न, एक्रोबैटिक मूवमेंट्स और तकनीकी कला शामिल हैं।
जैसलमेर में 29 मार्च से स्टेट लेवल वुशु प्रतियोगिता का बुधवार शाम समापन हुआ। सेमीफाइनल मैच में जयपुर से रोहित जांगिड़ ने बीकानेर के सुमित को हराकर फाइनल में जगह बनाई। फाइनल मुकाबले की तैयारी थी। उससे पहले ही लू लगने से रोहित की तबीयत खराब हो गई। इस कारण वह फाइनल नहीं खेल पाए। प्रतियोगिता में बुधवार शाम जयपुर और श्रीगंगानगर का मुकाबला था।
श्रीगंगानगर के खिलाड़ी रिषभ सोलंकी को रोहित के सामने मैदान में उतरना था। रोहित तय पर पहुंचे मगर रिषभ का सब इंतजार ही करते रह गए। उन्होंने हार मानते हुए खेलने से मना कर दिया। ऐसा सुनकर सब चौंक गए और रोहित ने सेमीफाइनल में प्रवेश किया। रोहित ने पहला मैच अलवर के खिलाड़ी अशोक को हराकर जीता था।
वुशू एक चीनी मार्शल आर्ट खेल
वुशू एक चीनी मार्शल आर्ट खेल है। लड़ाई गतिविधियों के साथ आंतरिक और बाहरी दोनों तरह के अभ्यास इसमें किए जाते हैं। इसे दो वर्गों ताओलो और संसौ में बांटा गया है। ताओलो में मार्शल आर्ट पैटर्न, एक्रोबैटिक मूवमेंट्स और तकनीकी कला शामिल हैं।
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