एक आईना भारत
तखतगढ़:- देवासी समाज बारह पट्टा समिति के सचिव सौदाराम देवासी रसियावास खुर्द ने बताया की मृत्यु भोज जरूर कुरीति है। पर यह कुरीति सदियो से नहीं बल्कि अभी जो पैसों वालों ने रखी तरह तरह के पकवान बनाकर बड़े बनने कि होड़ लगा रखी है ! मृत्यु भोज पर सरकार का यह कदम काफी सराहनीय है जिससे गरीब परिवार पर बोझ ना आ सके एवं ना कर्जे में आए ! अगर कोई संपन्न परिवार है ओर दान करना चाहते हैं तो उन गरीबों को भोजन करवाए किसी सामाजिक संस्था में दान करें या पशुओं को चारा खिलाएं ! बालिका शिक्षा , अनाथालय आदि में दान करें ! मृत्यु भोज पर पंडितों द्वारा बताई गयी वस्तुएं मृतक की आत्मा की शांति के लिए ब्राह्मणों को दान में देना चाहिए ! मृत्यु भोज एक ऐसी विनाशक रूढ़िवादी परंपरा है जो आज तक शास्त्रों में वर्णन नहीं है यह समाज के लिए घातक है ! एक तरफ परिवार दुःख में होता है दूसरी तरफ उसके घर खाना खाना यह अच्छी बात नहीं है ! सौदाराम देवासी समाज को मृत्यु भोज का संदेश देकर जागृत कर रहे हैं ! वो पेशे से फार्मेसिस्ट है !
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