अभियंताओं को अपने अधीन पाइपलाइनों में रिसाव के मामलों में राजस्थान गारंटीड डिलीवरी ऑफ पब्लिक सर्विस




एक आईना भारत
पाली सिटी,


अभियंताओं को अपने अधीन पाइपलाइनों में रिसाव के मामलों में राजस्थान गारंटीड डिलीवरी ऑफ पब्लिक सर्विस 

पाली सिटी, जलदाय विभाग द्वारा फील्ड में पेयजल लाइनों के लीकेज की समयबद्ध मरम्मत से प्रभावित लोगों को राहत देने और पानी के अपव्यय को रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाएगी। जिला कलक्टर अंश दीप ने फील्ड में कार्यरत सभी अभियंताओं को अपने अधीन पाइपलाइनों में रिसाव के मामलों में राजस्थान गारंटीड डिलीवरी ऑफ पब्लिक सर्विस एक्ट 2011 के प्रावधानों की पालना में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों को ऐसे प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए एक्ट में दी गई समय सीमा में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। फील्ड अभियंता अपने क्षेत्र में ज्यादा समस्या वाले ऐसे स्थानों की पहचान करने के लिए नियमित तौर पर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम का सुपरविजन करेंगे, जिससे लीकेजेज को रिपेयर करके पेयजल आपूर्ति में आने वाली बाधा को समय पर दूर किया जा सके। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि उपभोक्ताओं या अन्य माध्यमों से लीकेज के बारे में शिकायत प्राप्त होते ही सम्बंधित कनिष्ठ अभियंता या सहायक अभियंता को मौके पर भेजे और नियत समय में मरम्मत की जाए।
उन्होंने बताया कि अधिकारियों को लीकेज मरम्मत के लिए काम में आने वाले स्पेयर पार्ट्स आदि का पर्याप्त स्टॉक रखने के भी निर्देश दिए गए है ताकि आवश्यकता के अनुसार पाइपलाइन्स के क्षतिग्रस्त भागों को बदला जा सके। इस सम्बंध में सभी सर्किल ऑफिसर्स को अपने क्षेत्राधिकार में स्पेयर पार्ट्स की खरीद के लिए आरटीटीपी रूल्स के तहत रेट कांट्रेक्ट्स करने के निर्देश दिए गए है। यदि किसी जगह पर लीकेज मरम्मत का जिम्मा किसी निजी फर्म के पास हो तो ऐसी स्थिति में अभियंताओं को उनके माध्यम से मौके पर मरम्मत की कार्यवाही निर्धारित समय सीमा में सुनिश्चित करनी होगी। फील्ड ऑफिसर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि जिस फर्म के पास मरम्मत का ठेका है, उसके पास हर समय अनुबंध की शर्तों के अनुसार स्टॉक में पर्याप्त स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध रहे।
उन्होंने बताया कि जिले में सभी सहायक अभियंता अथवा कनिष्ठ अभियंताओं को लीकेज की पहचान के लिए शीघ्रता से सर्वे आरम्भ करने और इसके आधार पर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए है। इसके साथ ही पाइपलाइनों और ज्वांइंट्स में टूट-फूट की पहचान के लिए इस प्रकार की कार्यवाही नियमित रूप से संचालित की जाएगी। मरम्मत और रखरखाव के कार्यों से जुड़ी निजी फर्मों को भी अपने अधीन पाइपलाइनों की स्थिति पर नजर रखने की हिदायत दी गई है। कार्यालयों में पाइपलाइनों में टूट-फूट, लीकेज और इस सम्बंध में की गई कार्यवाही का रिकॉर्ड रखा जाएगा, इसके आधार पर जहां कहीं भी आवश्यकता होगी, पाइपलाइनों को बदला जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि अधीक्षण अभियंता और अधिशाषी अभियंता स्तर के अधिकारियों को फील्ड विजिट के दौरान अपने अधीन कार्यरत अभियंताओं द्वारा लीकेज मरम्मत के लिए की गई कार्यवाही की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, लीकेज मरम्मत की दैनिक प्रगति रिपोर्ट को संधारित करने और इस सम्बंध में साइट विजिट रिपोर्ट में भी टिप्पणी दर्ज करनी होगी। ये सभी निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।
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