5 साल से रक्षाबंधन के पर्व पर अपने भाई मनोहर का इंतजार कर रही है उसकी तीन बहने ललिता रेणु और कंचन
हर रक्षा बंधन पर अपने भाई के बिना खून के आंसू रोती है तीनो बहने
16 वर्षीय मासूम मनोहर अपहरण मामला 4 वर्ष 9माह पहले हो गया था अपहरण
20 मार्च 2021 को सीबीआई जांच के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री ने की थी अनुशंसा
मरुधर आईना /
पाली राजस्थान के बहुचर्चित अपहरण कांड मनोहर राजपुरोहित जिस मामले में राजस्थान सरकार ने सीबीआई जांच की अनुशंसा करके 5 माह बीत चुके हैं फिर भी अभी तक केंद्र सरकार द्वारा इस मामले में सीबीआई जांच शुरू नहीं हुई है जिसको लेकर एक बार फिर राजस्थान में मामला गरमा गया है
आज पांचवी रक्षाबंधन है लेकिन इस रक्षाबंधन पर भी मनोहर नेतरा की तीनो बहने रेणु कंचन ललिता अपने भाई मनोहर को राखी नहीं बांध पाएगी रक्षाबंधन पर तीनो बहने दरवाजे पर टकटकी लगाए अपने मासूम भाई कि घर आने का इंतजार करती हैं लेकिन हर बार उनका पूरा दिन रोते हुए निकलता है और भाई की कोई खबर भी नहीं लगती है क्योंकि 4 साल 9 महीने पहले मनोहर का अपहरण हो गया था जिसकी 5 महीने पहले राजस्थान सरकार ने सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी थी लेकिन केंद्र सरकार द्वारा अभी तक इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश जारी नहीं किए गए हैं जिसके लिए तीनों बहनों को निराशा हाथ लगी है और संपूर्ण राजपुरोहित समाज में भी रोष व्याप्त है आखिर केंद्र सरकार क्या चाहती हैं ?
क्या है पूरा मामला
राजस्थान के पाली जिले के सुमेरपुर उपखंड का गांव नेतरा के प्रकाशसिंह राजपुरोहित के परिवार की। इस परिवार को अपने 16 वर्षीय बेटे मनोहर राजपुरोहित का इंतजार है। लापता हुए चार साल 9 महीने बीत गए, मगर मनोहर का कोई सुराग नहीं। उसके अपहरण के बाद उसके साथ किसी अनहोनी की आशंका है।
रुपए या और किसके लिए लिए किया गया मनोहर का अपहरण
गांव नेतरा के प्रकाश सिंह राजपुरोहित के बेटे मनोहर का अपहरण किसने किया? इसका भी पता नहीं लग पा रहा, मगर आशंका है कि रुपए के लिए उसका अपहरण किया गया है, क्योंकि अपहरण के बाद से परिजनों को 8 पत्र मिल चुके हैं, जिनमें 25 लाख की फिरौती की मांग की जा रही है।
23 नवंबर 2016 को फालना गया, फिर नहीं लौटा मनोहर
23 नवंबर 2016 को फालना गया, फिर नहीं लौटा मनोहर
मनोहर के पिता प्रकाश बताते हैं कि उनका बेटा रहस्यमयी ढंग से लापता हुआ था। वह पाली के की फालना कस्बे के एक निजी स्कूल में कक्षा बारहवीं में पढ़ता था। प्रतिदिन की तरह वह 23 नवंबर 2016 को बस से फालना गया था, लेकिन शाम तक वापस नहीं लौटने पर परिवार की चिंता बढ़ी। स्कूल प्रबंधन से जानकारी लेने पर बताया कि वह तो स्कूल से घर के लिए निकल गया था। इसके बाद 5 से 17 दिसंबर 2016 के बीच कभी उसके घर के बाहर तो कभी स्कूल के पते पर फिरौती के पत्र पहुंचने शुरू हुए। लगभग आठ बार फिरौती के पत्र मिले।
पैसे लेकर कभी जोधपुर, कभी फालना बुलाया
पैसे लेकर कभी जोधपुर, कभी फालना बुलाया
महज 12 दिन में ही 25 लाख की फिरौती के आठ पत्र भेजकर कभी जोधपुर तो कभी फालना बुलाया। परिजनों ने रुपयों की व्यवस्था की और जोधपुर व फालना में बताए गए पते पर पहुंचे, मगर वहां कभी कोई नहीं मिला। विशेष बात यह है कि सभी पत्र किसी स्थानीय वाहक के माध्यम से गुप्त तरीके से चुपचाप घर के बाहर पत्थरों के बीच डालकर चला जाता। सीधे डाक से अथवा कोरियर से एक भी पत्र नहीं भेजा गया। फोन से फिरौती नहीं मांगी गई।
हर राखी पर बहनों की आंखें तरसती हैं
मनोहर के तीन बहनें प्रेमलता, रेणूका व कंचन हैं। हर साल अपने एकलौते भाई की कलाई पर राखी बांधकर मनचाहा उपहार लेने वाली बहनें अब बेबस हैं। राखी के दिन अपनी माता मंजूदेवी के पास बैठकर दिनभर मनोहर की फोटो देखकर आंसू बहाती हैं। बहनों ने बताया कि हमारा भाई जिस भी स्थिति में हैं हमें मिल जाए तो मन को सुकून मिल जाए।
नार्को टेस्ट भी करवाया, अभी तक मनोहर का गायब होना पहेली बना हुआ है
राजस्थान विधानसभा में भी उठा मामला
मनोहर अपहरण मामले को लेकर सुमेरपुर विधायक जोराराम कुमावत ने दो बार व आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने एक बार राजस्थान विधानसभा में मामला उठाया था। जालौर के सांसद देवजी पटेल और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने दी मानसून सत्र के दौरान इस मामले में चर्चा की फिर भी निराशा हाथ लगी परिवार को
वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में हुआ था मनोहर का अपहरण तब मिली थी सीआईडी जांच
समाज के धरना प्रदर्शन करने और सरकार पर दबाव बनाने के बावजूद आखिर भाजपा सरकार नहीं मानी तब सुमेरपुर से प्रतिनिधिमंडल राजस्थान के तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया से मिले तब जाकर सीआईडी जांच शुरू हुई लेकिन सीआईडी होने के बावजूद भी मासूम का सुराग नहीं लग पाया
20 मार्च 2021 को गहलोत सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश 5 माह बीत जाने के बावजूद भी केंद्र सरकार ने जांच अभी तक नहीं की शुरू
अखिल भारतीय राजपुरोहित समाज संघर्ष समिति के बैनर तले सुमेरपुर में 50000 की संख्या में एक दिवसीय अहिंसक और शांतिपूर्वक तरीके से रैली निकालकर धरना प्रदर्शन करने पर गहलोत सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश 20 मार्च को कर दी लेकिन 5माह बीत जाने के बावजूद भी अभी तक केंद्र सरकार ने सीबीआई जांच को मंजूरी नहीं दी है जिसके कारण एक बार फिर राजस्थान क़े जनप्रतिनिधि गृह मंत्री को पत्र लिखकर जांच की मांग कर परिवार को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं
मरुधर आईना समाचार पत्र के माध्यम से गृह मंत्री जी प्रधानमंत्री जी और पाली सांसद से हम तीनों बहनो की मांग है हमारे भाई वाले मामले में सीबीआई जांच दे दो
रेणु ललिता कंचन
मनोहर की तीनो बहने
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