जोधपुरी छीत्तर और घाटू के पत्थर उद्योग को लग सकते है पंख अगर रेल विभाग दे साथ ...



एक आईना भारत

पाली सिटी,

जोधपुरी छीत्तर और घाटू के पत्थर उद्योग को लग सकते है पंख अगर रेल विभाग दे साथ  ... 


[ बीजेकेटी से फिदूसर रेल लाईन को हो उन्नयन  ]

पाली सिटी,जोधपुर /- भगत की कोठी से फिदूसर रेल लाईन को हम कभी नही भूला सकते है जोधपुर के बीचोबीच आखलियां चौराहे से होकर निकलने वाली माल गाड़ी को बाकायदा स्टीम इंजन से ढोया जाता था छुक छुक करती रेल को देखने के लिए समय पर फाटकों को बंद किया जाता था दोनो और साईकिलों, मोटरसाईकिलो, थोड़े बहुत प्रिया बजाज चेतक विजय सुपर सरीखे स्कूटरों, स्पार्क, बजाज एम - 80 , तब के दौर नगरीय परिवहन का प्रमुख साधन तीन पहिया टैम्पो ( मकौड़ा ) टैक्सी, तांगें यानि के घोड़ा गाड़ी,  बैल गाड़ी , और हाथ ठेलों की भीड़ लग जाती थी पर तत्कालीन उत्तर रेल्वे की मजबूरी कहे या बेरूखी के कारण यह प्रमुख रेल मार्ग साल 1997 मे एक आदेश के बाद अनिश्चित काल के लिए जोधपुर मंडल रेल प्रबंधक द्वारा बंद कर दिया गया  । 
जोधपुर के सरदारपुरा विधान सभा क्षैत्र से विधायक एवं पूर्व जन स्वास्थय अभियांत्रिकी विभाग के मंत्री रहे और वर्तमान मे जोधपुर राजस्थान से राज्यसभा के संसद सदस्य श्री राजेन्द्र गहलोत ने सदन मे जोधपुर की जीवन रेखा से जुड़े इस जन हितकारी मुद्दे को देश की संसद मे उठा कर  शहर की मूलभूत आवश्यकताओं को ध्यान मे रखा है शहर जोधपुर का पत्थर विश्व प्रसिद्ध है इसी को ध्यान मे रखकर ही तत्कालीन वर्ष 1924 मे राजपरिवार और अंग्रेजी हकूमत ने भगत की कोठी रेल्वे स्टेशन से फिदूसर चौपड़ तक रेल लाईन का निर्माण करवाकर पत्थर उद्योग की दशा और दिशा ही बदल दी थी  ? पर कालांतर मे समय के साथ साथ इस रेल विभाग ने इसे बंद कर दिया जिसके कारण पत्थर उद्योग को करारा झटका लगा और यहां का पत्थर महंगी दर पर ट्रको के माध्यम से सड़क मार्ग से परिवहन किया जाने लगा  । माल ढुलाई की कीमत बढ़ने से जहां माल का घन फुट मे महंगा होना स्वभाविक था वही पत्थर उद्योग के व्यवसायियों को भी कई तरह की परेशानियों से भी रोजाना दो चार होना पड़ रहा है  ....  ? अगर जोधपुर मंडल के उत्तर पश्चिम रेल्वे की टीम डीआरएम सुश्री गीतिका पांडे के नेतृत्व मे एक बढ़िया प्रस्ताव बनाकर रेल मंत्रालय को भिजवाये तो निश्चित तौर पर मंत्रालय जन हित मे ठोस कदम उठाएगा  । चूंकि भारत के रेल मंत्री अनिल वैष्णव भी उड़ीसा काडर के एक पूर्व ब्यूरोक्रेट ( IAS ) रह चुके है और आप जोधपुर निवासी भी है आपका पूरा परिवार शहर के रातानाड़ा स्थित महावीर कॉलोनी मे ही निवास करता है आप जरूर जोधपुर के हित को ध्यान मे रखते हुए इस बंद पड़े रेल मार्ग को पुन: शुरू करवाएगें  । 

" पत्थर की माल ढुलाई पुन : शुरू होने से ये होगा  " 
सूरसागर का पत्थर उद्योग  एक बार फिर से चमक उठेगा व्यापारियों को प्रकिया सरल सहज रूप मे सुविधाये मिलेंगी बजरी परिवहन की तरह पत्थर माल परिवहन भी सस्ता होगा  । 

" क्या होगा इस रेल पथ के प्रारम्भ होने से  ....  " 
लोक देवता बाबा रामदेव जी के गुरू बाबा बाली नाथ जी की समाधि स्थल भी मसूरियां मे ही है साल भर यहां से जमकर यात्री भार रेल्वे को मिलता रहेगा 
जातरूओं को एक ही दिशा मे दो धार्मिक स्थल मिलेगें सस्ती और सुलभ यात्रा हो सकेगी  । 

" 24 वर्षो मे इस रेल पथ का हुआ ये हाल  ..... " 

वही बंद पड़े रेल मार्ग लगभग 12 किलोमीटर का है जिस पर कई जगह अतिक्रमण हो चुके है वही स्टाफ क्वाटर्स भी जर्जर हो चुके है  । जगह जगह से असामाजिक तत्व रेल लाईन उखाड़कर ले जा चुके है  । रेल्वे के क्वाटर्र जयराम पेशा लोगो की शरणगाह बने हुए है ।नया क्या हो सकता है इस रेल पथ के शुरू होने से रेल विभाग इस रेलपथ का पुन: निर्माण करवाकर इसका माल ढुलाई के साथ साथ सामान्य रेल के विस्तार मे भी उपयोग कर सकता है यहां से वाया मंडोर औसियां माता जी मंदिर तक भी जोड़ सकता है इससे जोधपुर रेल्वे का ये रेलपथ एक नया पर्यटक रेल सर्किट बन सकता है
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