डॉक्टर व प्रोफेसर सुधा ने किया वेटलेंड छेत्र रिसर्च


डॉक्टर व प्रोफेसर सुधा ने किया वेटलेंड  छेत्र रिसर्च

मरूधर आईना



फुलेरा(निस)। विश्व विख्यात खारे पानी कि सांभर झील मे वेटलैंड  छेत्र मे रिसर्च और अध्यन किया गया, राजस्थान सरकार पर्यावरण विभाग कि तरफ से डॉ एवं प्रोफ़ेसर सुधा सुमरवार और बीकानेर यूनिवर्सिटी के रोग निदान प्रोफ़ेसर डॉ ए.के कटारिया जी ने संगम यूनिवर्सिटी भीलवाडा के 15 छात्र छात्राओं के साथ मिलकर झील के 4-5 हिस्सों से झील के पानी, झील कि मिट्टी, पक्षियों के पंख व पक्षीयों के मल और पानी मे पाये जाने वाले परजीवियों के सेम्पल  जॉंच के एकत्रित किये  ताकि प्रवासी व स्थानीय पक्षीयों कि स्तिथि मे होने वाले रोग व बदलाव कि जांच कि जा सके और  वाइल्डलाइफ क्रिएछर ऑर्गेनाइजेशन के संस्थापक ओम प्रकाश ( पीन्टी ) ने बताया कि  संगम यूनिवर्सिटी भीलवाडा कि डायरेक्टर एंड रिसर्च डेवलपमेन्ट प्रोफ़ेसर सुधा सुमरवार और बीकानेर यूनिवर्सिटी के रोग निदान के प्रोफ़ेसर कटारिया   प्रोफ़ेसर नलिनी कटारिया व उनकी रिसर्च टीम सुबह 11 बजे  झील मे पहुचकर शाकम्भरी माता मंदिर, रतन तालाब, झपोक डेम व् आसपास के छेत्र का औचक निरीक्षण किया उनके साथ रिसर्च टीम के छात्र व छात्रायें भी थी जिन्होने झील के पानी कि आद्रता व लवणीय स्तिथि के बारे मे बताया डब्लू सी ओ टीम के सदस्य अभीषेक वैष्णव, मोहित शर्मा, और रोशन कुमावत ने सेम्पल लेने के लिए झील के दलदली पानी ने जाकर  रिसर्च टीम के छात्रो कि मदद कि।
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