चलती ट्रेन में भी करता था भ्रूण परीक्षण:जोधपुर में जेंडर टेस्ट करते 5वीं बार पकड़ा गया हिस्ट्रीशीटर डॉक्टर
जोधपुर -जोधपुर के एक एमबीबीएस डॉक्टर को भ्रूण परीक्षण करते हुए 5वीं बार पकड़ा गया है। शुक्रवार को पीसीपीएनडीटी टीम (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques) ने जाल बिछाकर लंबे समय से गोरखधंधा चला रहे डॉक्टर को दबोच लिया। डॉक्टर भ्रूण परीक्षण के चक्कर में अपनी सरकारी नौकरी तक गंवा चुका है। उसके खिलाफ हिस्ट्रीशीट खुली हुई है, लेकिन उसने भ्रूण परीक्षण करना बंद नहीं किया। आरोपी को पकड़ने वाले अधिकारी ने बताया कि आरोपी एक बार तो चलती ट्रेन में भ्रूण परीक्षण करते हुए पकड़ा गया था।
50-90 हजार रुपए करता था जांच
पीसीपीएनडीटी की जोधपुर व जयपुर की टीम ने पाल रोड क्षेत्र में एक किराए के मकान में छापा मारकर आज डॉ. इम्तियाज को भ्रूण परीक्षण करते हुए पकड़ा। इस तरह के मामलों में पहले भी चार बार पकड़ा गया है। डॉक्टर के आज फिर पकड़े जाने के बावजूद चेहरे पर शिकन तक नजर नहीं आई। इम्तियाज अपंजीकृत पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन के जरिये 50 से 90 हजार रुपए में भ्रूण परीक्षण करता था। इसके लिए वह दलाल के जरिए सौदा तय करता था।
प्रेग्नेंट लड़की लेकर पहुंची थी टीम
डॉ इम्तियाज को रंगे हाथों पकड़ने के लिए पीसीपीएनडीटी की टीम जयपुर से अपने साथ 3 माह से ज्यादा गर्भवती एक युवती को लेकर पहुंची। उसने इम्तियाज के साथ भ्रूण परीक्षण का सौदा किया। सौदा पक्का होने के बाद इम्तियाज पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन से लिंग परीक्षण करने को तैयार हो गया। पीसीपीएनडीटी के इंस्पेक्टर जितेन्द्र गंगवानी ने बताया कि एक टीम तीन दिन से जोधपुर में थी। प्रेक्षा अस्पताल का ऑपरेशन सहायक भंवरलाल जांगिड़ डॉक्टर का दलाल था। पाल बालाजी के पास अशोक प्रजापत के मकान पर डॉ. मोहम्मद इम्तियाज व भंवरलाल जांगिड़ के साथ अशोक को गिरफ्तार किया गया।
डॉ. इम्तियाज ने पुरानी दिल्ली के भागीरथ मार्केट से ढाई से तीन लाख रुपए में पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन खरीदी थी। वह उसी से सोनोग्राफी किया करता था। प्रारंभिक पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह पचास से अधिक महिलाओं के भ्रूण परीक्षण वह कर चुका है। इस मामले में पूरे नेटवर्क का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि कुछ प्राइवेट अस्पतालों की भी इन परीक्षणों में भूमिका हो सकती है।
कब-कब पकड़ा गया डॉक्टर इम्तियाज
पहली बार : सबसे पहली बार डॉक्टर इम्तियाज की गिरफ्तारी 7 अक्टूबर 2016 को अपने साथ भैरों सिंह के घर पर भ्रूण परीक्षण करते वक्त रंगे हाथ हुई। उस समय आरोपी डॉक्टर बालेसर के सीएचसी के प्रभारी पद पर नियुक्त था। गिरफ्तारी के बाद डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया था।
दूसरी बार : आरोपी डॉक्टर की गिरफ्तारी 21 मई 2017 को दलाल साथी हनुमान ज्याणी के घर पर हुई। डॉक्टर ने उस समय अपने साथी सदस्यों संजय त्यागी, सोहन जाट और राजू के जरिए गर्भवती को बुलाया। गर्भवती की जांच के समय ही पुलिस ने मौके पर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
तीसरी बार : जेल से बाहर आते ही डॉक्टर इम्तियाज ने गर्भवती महिला को अपने गैंग की सहायता से पहले झुंझुनूं, फिर सीकर, फिर नागौर और बाद में जोधपुर बुलाया। रेलवे स्टेशन के पास चलती हुई गाड़ी में भ्रूण जांच की कोशिश की, लेकिन चलती गाड़ी में भी पुलिस ने धर दबोचा।
चौथी बार : इस डॉक्टर की गिरफ्तारी 9 सितंबर, 2018 को दलाल फतेह किशन के साथ महामंदिर स्थित एक मकान में एक गर्भवती का भ्रूण परीक्षण पकड़ा गया।
यह है सजा का प्रावधान
पहली बार कानून का उल्लंघन करने पर 3 साल की कैद व 50 हजार रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। दूसरी बार पकड़े जाने पर 5 साल की कैद व 1 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। लिंग की जांच करने का दोषी पाए जाने पर क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। वहीं धारा 313 के अनुसार महिला की सहमति के बिना गर्भपात करवाने वाले को आजीवन कारावास या जुर्माने की सजा दी जा सकती है।
धारा 314 के अनुसार गर्भपात के दौरान स्त्री की मौत हो जाने पर 10 साल का कारावास या जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।धारा 315 के अनुसार नवजात को जीवित पैदा होने से रोकने या जन्म के बाद उसको मारने की कोशिश करने का अपराध करने पर 10 साल की सजा या जुर्माना दोनों की सजा हो सकती है ।