मिलावट के शक में 6 सैंपल की होगी जांच:फूड सेफ्टी टीम ने रामदेवरा में घी, तेल, बेसन के लिए सैंपल
मिलावट के शक में 6 सैंपल की होगी जांच:फूड सेफ्टी टीम ने रामदेवरा में घी, तेल, बेसन के लिए सैंपल
जैसलमेर- जैसलमेर में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत फूड सेफ्टी की टीम ने फूड सेफ्टी ऑफिसर के नेतृत्व में रामदेवरा कस्बे से 6 सैंपल लेने की कार्रवाई की। 6 अलग अलग दुकानों से खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर सीज किया। फूड सैंपल को जांच के लिए जोधपुर लैब भेजने की कार्रवाई की गई। फूड सेफ्टी ऑफिसर प्रवीण चौधरी ने बताया कि रामदेवरा में अलग अलग जगहों पर मिलावटी सामान के शक में कार्रवाई की गई। इसके साथ ही रामदेवरा में फूड लाइसेंस बनवाने के लिए विशेष शिविर का भी आयोजन किया गया। कैंप में 30 खाद्य कारोबारियों ने फूड लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया की। फूड सेफ्टी ऑफिसर प्रवीण चौधरी ने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण, राजस्थान आयुक्त शिवप्रसाद नकाते के निर्देशन और सीएमएचओ डॉ बीएल बुनकर के मार्गदर्शन में अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत बुधवार को जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारी प्रवीण चौधरी और किशनाराम कड़वासरा द्वारा पीएचसी रामदेवरा में फूड लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन शिविर आयोजित किया गया। शिविर में 30 खाद्य कारोबारियों और दवा विक्रेताओं द्वारा फूड लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया की गई।
6 फूड सैंपल लिए
रामदेवरा कस्बे में मिलावट का शक होने पर तेल, घी, बेसन, धनिया, सोयाबीन के 6 सैंपल लिए गए। लिए गए सैंपल को सीज करके जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला जोधपुर भेजा जाएगा और लैब से रिपोर्ट मिलने के आधार पर नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि सभी खाद्य सामग्री विक्रेताओं, फल-सब्जी विक्रेता, हाथ ठेले वाले खाद्य विक्रेताओं एवं दवा विक्रेताओं के लिए खाद्य अनुज्ञा पत्र (लाइसेंस/रजिस्ट्रेशन) लेना अनिवार्य है।
6 जुलाई गुरुवार को राजमथाई में होगा कैंप
प्रवीण चौधरी ने बताया कि 6 जुलाई गुरुवार को राजमथाई में कैंप का आयोजन रखा गया है। संबंधित क्षेत्र के सभी खाद्य कारोबार कर्ता जिनका खाद्य अनुज्ञा पत्र नहीं बना हुआ है या नवीनीकरण करवाना है वे आवश्यक दस्तावेज आधार कार्ड की प्रतिलिपि, एक फोटो एवं बिजली का बिल साथ लेकर कैंप स्थल पर मौजूद होकर अपना आवेदन पत्र जमा करा सकते हैं। लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन नहीं बनवाने पर शीघ्र ही अभियान चलाकर उनके खिलाफ नियमानुसार FSSA 2006 की धारा 63 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी जो 5 लाख तक जुर्माना और 6 महीना जेल तक हो सकती है।
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