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विधानसभा : यहां लोग अंग्रेजी मेँ बोलकर निकल गए, मातृ भाषा बोलने मेँ कैसी दिक्क़त - भाटी

कदम कदम पर लड़े थे तुमसे, कदम कदम पर लड़ेंगे तुमसे दम है कितना दामन में तेरे, देख लिया है देखेंगे। - रवींद्र सिंह भाटी 

यहां लोग अंग्रेजी मेँ बोलकर निकल गए, मातृ भाषा बोलने मेँ कैसी दिक्क़त

जयपुर (गजेंद्र गहलोत )- सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही जब शुरू हुई तो सदन में सता एवं विपक्ष के विधायकों ने राजस्थान आम बजट पर अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी। इस दौरान अपनी बारी में बोलने के लिए खड़े हुए रवींद्र सिंह भाटी ने सरकार से शिव विधानसभा के प्रति सरकार की उदासीनता को लेकर सवाल खड़े किए। भाटी ने सदन में अपने वक्तव्य की शुरुआत करते हुए कहा की उन्हें उम्मीद थी की इस बजट में उनके क्षेत्र के गांव पादरिया में फ्लोराइड युक्त पानी से पीड़ित लोगों के लिए कुछ होगा, उनकी विधानसभा में आने वाले डीएनपी क्षेत्र के पीड़ित लोगों के लिए कुछ होगा या गिरल प्लांट से होने वाले प्रदूषण की वजह से बीमार पद रहे लोगों के लिए कुछ होगा लेकिन ऐसा कुछ भी उनकी क्षेत्र की जनता के लिए सरकार ने नहीं रखा। भाटी ने अपने वक्तव्य में बताया की जब सरकार ने बजट को लेकर सभी विधायकों से सुझाव माँगे गए थे तो उन्होंने भी अपने क्षेत्र की समस्याओं की एक मोटी फाइल सरकार को पकड़ायी थी लेकिन सरकार का उनके क्षेत्र के प्रति उदासीनता का ये आलम है की उनके क्षेत्र की तरफ़ सरकार ने नज़र उठा कर भी नहीं देखा और पूरे बजट में एक भी जगह शिव विधानसभा क्षेत्र का नाम नहीं आया। 

आज़ादी के बाद से अब तक सरकारों का कोई साथ नहीं मिला

भाटी ने अपने वक्तव्य में बताया की सरकार प्रदेश की जनता को शशक्त करने की बात करती है लेकिन यह तब तक मुमकिन नहीं है जब तक सीमांत क्षेत्र की जनता को सरकार अनदेखा करती रहेगी। भाटी ने कहा की सरकार ने सीमांत क्षेत्र की जनता के साथ कुठाराघात किया है। भाटी ने अपने वक्तव्य में कहा की वह जो भी माँग रहे थे उन सीमांत क्षेत्र के लोगों के लिए माँग रहे थे जिन्हें आज़ादी के बाद से अब तक सरकारों का कोई साथ नहीं मिला, पिछली सरकार ने भी उनके लिए कुछ नहीं किया जिस वजह से वह इस बार सदन के दूसरी तरफ़ बैठे हैं लेकिन वर्तमान सरकार का रवैया भी सीमांत क्षेत्र के लोगों को लेकर ढुलमुल ही है।  भाटी ने कहा की बजट के बाद जब उनके क्षेत्र की जनता ने उनसे पूछा की बजट में शिव को कुछ क्यों नहीं मिला तो उन्होंने कहा की शायद सांसद का चुनाव लड़ा इस बात की रीस अभी तक सरकार के कई लोगों में अभी तक है। भाटी ने यह भी कहा की अगर मैं चुनाव लड़ा तो मैं कहीं बाहर से नहीं आया था बल्कि आप लोगों के बीच से ही ओझल कर जीत कर आया हूँ और अगर इस बात की नाराज़गी सरकार के कुछ लोगों में है तो वह यह नाराज़गी उनसे निकाले न की उनके क्षेत्र के लोगों से। भाटी ने कहा की यह आम बजट आम जनता का बजट नहीं है बल्कि सरकार का अपना बजट है। 

उनके क्षेत्र के लोग आज तक इंद्र गांधी नहर का इंतज़ार कर रहे है

भाटी ने यह भी कहा की उन्हें लगा था की इस बजट में युवाओं और किसानों के लिए कुछ विशेष प्रावधान होंगे पर ऐसा नहीं हुआ। सरकार ने उन किसानों को सिरे से नकार दिया जो सीमांत क्षेत्र में बिजली एवं पानी के अभाव में खुदखुशी करने पर मजबूर है। वहीं युवाओं में बढ़ते बेरोज़गारी दर को लेकर भी सरकार ज़्यादा चिंतित नज़र नहीं आई। भाटी ने कहा की उनके क्षेत्र के लोग आज तक इंद्र गांधी नहर का इंतज़ार कर रहे है जिससे उनकी वर्षों की प्यास बुझ सके लेकिन सरकार ने इसको लेकर भी बजट में कुछ भी रखना मुनासिब नहीं समझा। 

यहां लोग अंग्रेजी मेँ बोलकर निकल गए, मातृ भाषा बोलने मेँ कैसी दिक्क़त 

भाटी ने सरकार से आग्रह किया की वह सीमांत के क्षेत्र के आभाव में जी रहे लोगों की तरफ़ दयालुता की नज़र से देखें और उन्हें राहत पहुँचाने का काम करे और अगर किसी प्रकार की कोई नाराज़गी है तो उनसे कहे, उनके क्षेत्र की जनता के प्रति अपनी उदासीनता के रूप में उस नाराज़गी को जाहिर न करें।
भाटी के वक्तव्य के दौरान स्पीकर ने उन्हें बार बार मारवाड़ी में बोलने को लेकर टोके जाने पर भाटी ने कहा की यहाँ लोग अंग्रेज़ी में बोल कर निकल गए उनसे किसी ने कुछ नहीं कहा गया वहीं अपनी मातृभाषा में बोलने से सदन को क्या दिक्कत है।

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