बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष बोले- रविंद्र सिंह भाटी छुट्‌टा सांड निर्दलीय है, वो कुछ भी करे; विधायक का जवाब-बड़ों का आदर करना मेरे संस्कार

 बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष बोले- रविंद्र सिंह भाटी छुट्‌टा सांड

निर्दलीय है, वो कुछ भी करे; विधायक का जवाब-बड़ों का आदर करना मेरे संस्कार



पाली - बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने बाड़मेर के शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी को छुट्‌टा सांड बताया है। रविंद्र सिंह भाटी अक्सर स्थानीय प्रशासन और भजनलाल सरकार के खिलाफ मुखर रहते हैं। हाल ही में रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल के आयोजन के मुद्दे पर भी भाटी समर्थकों का गुस्सा फूटा था। पाली के सर्किट हाउस में शनिवार को मीडिया से बातचीत में मदन राठौड़ से पूछा गया था कि रविंद्र भाटी सरकार के विरोध में हैं, क्या कहेंगे? राठौड़ ने कहा- 'वो करेगा ना... विरोध में है, निर्दलीय है, फ्री है, छुट्‌टा सांड होता है तो वो क्या करेगा, कुछ भी करे।'

अभद्र भाषा पर दे रहे थे नसीहत, खुद ही बोल गए

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष से सवाल किया गया कि आजकल जनप्रतिनिधियों की भाषा बड़ी अभद्र हो गई है। इस पर वे बोले- हम अपने विधायकों को समझाते हैं। अभद्र शब्दों का चयन नहीं करना चाहिए। विरोध तक सीमित रहना चाहिए। राहुल गांधी को देखिए, वे क्या बोलते हैं, हिंदू-हिंदू, हिंसा-हिंसा, पता नहीं क्या बोलते हैं। कभी कहते हैं कि इंडियन स्टेट से मुझे संघर्ष करना है। उन्हें खुद शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए फिर दूसरों को शिक्षा देनी चाहिए। हालांकि इसके बाद रविंद्र सिंह भाटी के विरोध के सवाल पर वे उन्हें छुट्‌टा सांड बोल गए।




राठौड़ बोले- गहत सरकार ने निर्दलीयों को खुश करने बनाए थे जिले

पाली को संभाग से हटाए जाने को लेकर सवाल पर मदन राठौड़ ने कहा- पिछली गहलोत सरकार ने अपने चहेतों को खुश करने और सरकार बचाने के लिए आनन-फानन में जिले घोषित किए थे। गहलोत और पायलट के बीच ठनी थी। दोनों एक-दूसरे को नीचा दिखाने में लगे थे। पायलट अपने समर्थक विधायकों को लेकर सरकार गिराना चाहते थे और गहलोत होटल में विधायकों की बाड़ेबंदी कर सरकार बचा रहे थे। ऐसे में गहलोत ने चहेते निर्दलीय विधायकों को खुश करने के लिए जिले घोषित किए। दूदू जो पंचायत समिति था, जहां एक ही विधायक था, उसे भी जिला बना दिया। केकड़ी-सांचौर में एक-एक विधायक था। कई जिले ऐसे थे, जहां 11 विधायक, 10 विधायक और 14 विधायक थे। यह विभाजन अन्यायपूर्ण था। एक जिले की जनसंख्या साढ़े तीन लाख, दूसरे की 22 लाख। जिलों का विभाजन व्यवस्थित नहीं था। इसी तरह संभाग बना दिए।

पाली संभाग बना रहे, सरकार से निवेदन करूंगा

मदन राठौड़ ने कहा- जिलों और संभाग का रिव्यू करने के लिए भजनलाल सरकार ने पूर्व आईएएस ललित के पवार की अध्यक्षता में समिति बनाई। समिति ने समीक्षा की। रिपोर्ट कैबिनेट में रखी गई। सीएम ने रिपोर्ट और विधायकों की राय से जो फैसला लिया, उसके साथ हूं। पार्टी अध्यक्ष होने के नाते सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया नहीं दे सकता। राजस्थान की भौगोलिक स्थिति और लोगों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए जिला और संभाग रद्द करने का फैसला किया गया। हालांकि पाली जिले से होने के नाते मैं चाहता हूं कि पाली संभाग बना रहे। उचित अवसर पर निवेदन करूंगा, फैसला सरकार का होगा।



सोशल मीडिया पर लोग जता रहे विरोध

उधर, सोशल मीडिया पर अब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के बयान को लेकर लोग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा- इस बयान की लपटें कितनी दूर तक जाएंगी, यह देखना होगा।

रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल की परमिशन रद्द होने पर फूटा था गुस्सा

बाड़मेर के रोहिड़ी में 12 जनवरी को 'रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल' की परमिशन रद्द कर दी गई थी। इसके बाद भाटी के समर्थक आक्रोशित हो गए थे। प्रशासन ने पहले इस कार्यक्रम के आयोजन को मंजूरी दी थी, लेकिन आयोजन से दो दिन पहले बाड़मेर कलेक्टर टीना डाबी ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मंजूरी को निरस्त कर दिया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर बीजेपी के खिलाफ भी भाटी समर्थकों ने पोस्ट किए थे। साथ ही बाड़मेर प्रशासन के साथ-साथ राजस्थान की भाजपा सरकार पर सवाल खड़े किए थे। भाटी के समर्थकों ने दावा किया था कि भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष और शिव से बीजेपी प्रत्याशी रहे स्वरूप सिंह खारा के दबाव में कार्यक्रम पर रोक लगाई गई। भाटी के समर्थक इन घटनाक्रम को राजनीतिक द्वेष की भावना से जोड़ रहे थे। हालांकि बाद में यह कार्यक्रम शिव कस्बे में हुआ था।

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