अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष : सादलवा गांव की पांच मित्र एक साथ बनी राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल
इनसे प्रेरित होकर पड़ोस के आदिवासी क्षेत्र के गांवों की लड़कियां भी कर रही पुलिस की तैयारी
सिरोही
हड़मत सिंह पंवार
पिंडवाड़ा उपखंड मुख्यालय से 11 किमी दूर स्थित सादलवा गांव की पांच महिला मित्र आज महिला कांस्टेबल बनकर राजस्थान पुलिस में अपनी सेवाएं दे रही है। इनके सिर पर खाकी टॉपी और माथे पर अशोक स्तंभ सजा है। पांचों मित्र एक साथ पुलिस कांस्टेबल बनी हैं। दरहसल सादलवा गांव राजपूत बाहुल्य गांव है यहां शुरू से ही शिक्षा की ओर युवाओं का रुझान है वर्तमान में इस गांव से राजपूत समाज समेत अन्य समाज के युवक युवती भी शिक्षा, सेना सहित अन्य सरकारी सेवा में कार्यरत है। आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर खास बातचीत पांच महिला मित्रों की जो कि 12 वीं की पढ़ाई के बाद वर्दीधारी नौकरी में जाने का सपना देख रही थी। गांव की पदम कंवर पुत्री रेवत सिंह, मनिता कंवर पुत्री भगवान सिंह, कृष्णा कंवर पुत्री रेवत सिंह, प्रतीक्षा कुंवर पुत्री गणपत सिंह, रवीना कंवर पुत्री दिलीप सिंह पांचों ने गांव में रहकर राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा की तैयारी की। गांव टीएसपी क्षेत्र में होने से विशेष छूट इनको मिली और लगातार तैयारी अच्छी होने के कारण पांचों महिला मित्रों का एक साथ राजस्थान पुलिस सेवा में चयन हो गया। अब इनसे प्रेरित होकर पड़ोस के आदिवासी बाहुल्य वाले गांवों की लड़कियां भी पुलिस सेवा में जाने की तैयारी कर रही है।
- इन जगहों पर तैनात हैं पांचों महिला कांस्टेबल
राजस्थान पुलिस कांस्टेबल बनने वाली पांचों की पोस्टिंग वर्तमान में पदम कंवर की पुलिस थाना शिवगंज, मनिता कंवर की पुलिस थाना बरलुट, कृष्णा कंवर की पुलिस थाना आबूरोड, प्रतीक्षा कुंवर की पुलिस थाना सिरोही सदर और रवीना कुंवर की पिटीएस जयपुर में है।
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इन पांचों के परिवार जन खेती बाड़ी के साथ अन्य छोटा मोटा कार्य कर गुजारा करते है। इनमें से दो कांस्टेबलो के पिता ने रिक्शा चलाकर बेटियों को शिक्षा दीक्षा दिलाई। ग्रामीणों ने बताया कि आज कड़ी मेहनत के बाद गांव की बेटियां पुलिस में सेवा दे रही है यह हमारे लिए बड़े गर्व की बात है। इसने आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी।