लूणी नदी में फैक्ट्रियों का केमिकल युक्त दूषित जलप्रवाह एवं अवैध बजरी खनन प्रजातांत्रिक व्यवस्था में संवैधानिक चुनौती : हुकम सिंह

लूणी नदी में फैक्ट्रियों का केमिकल युक्त दूषित जलप्रवाह एवं अवैध बजरी खनन प्रजातांत्रिक व्यवस्था में संवैधानिक चुनौती : हुकम सिंह

निजी संवाददाता सिवाना

बाहुबली उद्योगपतियों व बजरी माफियाओं ने न्यायपालिका एवं विधायिका को सिरे से नकारते हुए  कार्यपालिका की मिलीभगत से किसानों के खुशहाली की प्रतीक मरूगंगा को किया नेस्तानुबूद ।


समदड़ी :- जोधपुर संभाग की एक मात्र किसानों के खुशहाली की प्रतीक मरूगंगा के नाम से विख्यात विशालकाय लूणी नदी में पाली व बालोतरा में संचालित कपड़े की औद्योगिक इकाइयों के कल कारखानों से निस्तारित केमिकल युक्त दूषित जल प्रवाह को बाहुबलियों द्वारा छोड़े जाने के कारण नदी के तटवर्तीय क्षैत्र की उपजाऊ कृषि भूमि को बंजर करने का गंभीर मुद्दा हो या हाल के वर्षों में माननीय उच्चत्तम न्यायलय द्वारा बजरी खनन पर रोक के बावजूद माफियाओं द्वारा अवैध खनन की बदौलत नदी को खोखला कर पर्यावरण को नुकसान के मुद्दे को जनप्रतिनिधिगण ! लोकसभा के दोनों सदनों की बात हो चाहे चाहे राजस्थान विधानसभा की जहाँ जहाँ विगत दशक से  पुरजोर तरीके से सदन के पटल पर गम्भीर समस्या को किसानों के हित में उठाते रहे हैं तत्पश्चात आज भी स्थित जस की तस बनी हुई हैं जो कि चिंतनीय हैं।लूणी नदी से जुड़े तटवर्तीय क्षैत्र में किसानों ने लूणी नदी बचाओं की मुहिम चलाकर विगत दशक से धरना प्रदर्शन व ज्ञापन देकर आक्रोश व्यक्त करते आ रहे हैं लेकिन समाधान के आश्वासन के अलावा जनहित के इस मुद्दे पर अधिकारियों द्वारा स्थायी समस्या के समाधान व हल नही ढूंढा गया।पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाले किसानों से जुड़े जनहित के इस गंभीर मुद्दों पर रोकथाम कर राहत पहुँचाने के उद्देश्य से लोकसभा व विधानसभा में सख्त कानून भी बने लेकिन धनबल के आधार पर बाहुबलियों व माफियाओं ने सख्त कानून के क्रियान्वयन को प्रभावित करने में कोई कसर नही छोड़ी जिस पर किसानों ने माननीय न्यायालय की शरण भी ली तो व स्वयं माननीय न्यायालय से प्रसंज्ञान लेते हुए औद्योगिक इकाइयों पर रोक भी लगाई वहीं बजरी खनन से नदी को खोखला कर पर्यावरण को प्रभावित करने पर खनन पर पूर्ण प्रतिबंध भी लगा दिया ततपश्चात भी औद्योगिक कलकारखानों से जुड़े बाहुबली उद्योगपतियों व बजरी माफियाओं ने न्यायपालिका एवं विधायिका को सिरे से नकारते हुए कार्यपालिका की मिलीभगत से किसानों के खुशहाली की प्रतीक मरूगंगा को  नेस्तानुबूद करने में कोई कसर नही छोड़ी हैं।

इनका कहना है  :- 

लूनी नदी में अवैध बजरी खनन से हुए विशालकाय गड्ढो को जलमग्न करते हुए बाड़मेर जिले के समदड़ी को ओर अपने पूर्ण प्रवाह से आगे बढ़ता फैक्ट्रियों से प्रवाहित केमिकल युक्त दूषित पानी किसानों की आर्थिक स्थिति को कमजोर करने में कोई कसर नही छोड़ेगा जो कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में कृषि ऋण, बिजली बिल, खाद बीज बुवाई का ऋण चुकाना, दूषित पानी के संक्रमण से काल कलवित होते पालतु मवेशी अन्नदाता के लिए किसी विकट चुनौती से कम नही हैं। अतः राज्य सरकार जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कानूनन कारवाही कर किसानों मुहावजा प्रदान कर राहत पहुचाएं। 
हुकम सिंह अजीत

फ़ोटो : समदड़ी से सटे कोटड़ी भानवास सड़क मार्ग पर पूर्ण वेग में बहता केमिकल युक्त दूषित पानी।
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