जालोर में नहीं होगा रावण का दहन, ‌ टेंडर रद्द,कोरोना संक्रमण के चलते इस बार दशहरे पर नहीं होगा आयोजन


 आश्विन मास में हर वर्ष नौ दिन तक चलने वाले शारदीय नवरात्रा के बाद दसवें दिन दशहरा पर बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतिक के रुप में रावण दहन किया जाता है। जिला मुख्यालय समेत भीनमाल व सांचौर में भी नगर निकायों द्वारा हर वर्ष रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया जाता हैं।




 नगर परिषद द्वारा शहर में रावण दहन का आयोजन कई वर्षो से लगातार किया जाता है  लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के संक्रमण के चलते प्रदेश में सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के चलते इस आयोजन को रद्द किया गया है। इसी के चलते नगर परिषद द्वारा रावण दहन एवं इस आयोजन पर होने वाली आतिशबाजी के टेंडऱ भी रद्द किये गये है।                   

              80 हजार तक जाता था टेंडर, इस वर्ष निरस्त जिले में होने वाले रावण दहन के अवसर पर रावण, कुंभकरण व मेघनाद के पुलते के लिए नगर परिषद द्वारा हर वर्ष निविदा के द्वारा टेंडर किये जाते है। जिसके चलते हर बार रावण दहन का टेंडर करीब 70 से 80 हजार के बीच जाता है और इस आयोजन पर होने वाली आतिशबाजी का टेंडर 40 हजार के करीब रहता है।

 वही गत वर्ष टेंडर काफी कम रेट में हुआ था जिसके तहत रावण व मेघनाद के दो पुतले ही बनाये गये थे। गत वर्ष 2019 में रावण के पुतला का टेंडर 55 हजार व आतिशबाजी का टेंडर 30 हजार रहा था। वही इस वर्ष सरकारी गाइडलाइन के अनुसार रावण दहन कार्यक्रम के स्थगित की सूचना के बाद आयोजित होने वाले टेंडर रद्द किये गए हंै।

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