कॉलेज व्याख्याता भर्ती परीक्षा में गुड एकेडमिक रिकॉर्ड की शर्त को हटाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम भेजा ज्ञापन
एक आईना भारत /अशोक राजपुरोहित
खरोकडा : राजस्थान निजी कॉलेज शिक्षक संघ के संरक्षक हरलाल मील, डॉ . एस .के .जाट, जोधपुर संभाग के अध्यक्ष डॉ हेम सिंह गौड़ कोटा संभाग अध्यक्ष डॉ .रवि कुमार , महिपाल चौधरी , डॉ .सग्राम चौधरी, डॉ .मनीषा शेखावत, डॉ. राखी गुप्ता, डॉ .जितेन्द्र सिंह राठौड़ सहदेव गुजराती, ने राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजकर बताया कि सहायक आचार्य भर्ती परीक्षा 2020 - 21 में गुड एकेडमिक रिकॉर्ड की परिभाषा को तुरंत प्रभाव से हटाने की मांग की है । क्योंकि वर्ष 2014-2015 में भी सहायक आचार्य भर्ती परीक्षा के दौरान भाजपा सरकार के द्वारा एकेडमिक रिकॉर्ड की परिभाषा को लागू किया गया था । जिस कारण से यह भर्ती परीक्षा भी न्यायालय में पिछले कई वर्षों से चल रही है तथा लाखों अभ्यर्थियों को नुकसान उठाना पड़ा था । यदि संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा (आईएएस) परीक्षा ,प्रथम श्रेणी स्कूल व्याख्याता परीक्षा, राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएस )आदि में भी किसी प्रकार का गुड एकेडमिक रिकॉर्ड नही होता है । केवल सहायक आचार्य भर्ती परीक्षा में ही गुड एकेडमिक रिकॉर्ड की शर्त को रखा गया है । उसे तुरन्त प्रभाव से हटाया जाना चाहिए । जिस समय कोई अभ्यार्थी नेट की परीक्षा देता है अथवा पीएचडी करता है उस समय उससे 10वीं 12वीं और स्नातक के अंको को एवं प्रतिशत कोई महत्व नहीं दिया जाता है तो उसे सहायक आचार्य भर्ती परीक्षा में दसवीं बारहवीं और स्नातक के प्रतिशत अंकों को महत्व क्यों दिया जा रहा है । यदि सरकार के द्वारा गुड एकेडमी रिकॉर्ड की परिभाषा को नहीं हटाया जाता है तो आने वाले लोकसभा विधानसभा चुनावों में सभी अभ्यर्थियों के द्वारा एवं उनके परिजनों के द्वारा वोटों के माध्यम से सरकार का बहिष्कार किया जाएगा। मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री से इस्तीफे की मांग की जाएगी ।*
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