चाकसू/नुआई रुत आई जाड़ो आवैलो, मत बरतो लापरवाही कोरोणो लाग जावैलो।

नुआई रुत आई जाड़ो आवैलो,
मत बरतो लापरवाही कोरोणो लाग जावैलो।

हेमन्त ऋतु नै आता ही हिमालय ओड़ी सूं सीळी सीळी भाळ चालगी अर नुआई रुत आगी छः। लोग-बाग शी सूं बचबा कै लिया ऊंनी जरसी, कांबळो, रजाई, काना कै बांधबा को गुलीबंध, और पगा का जूता मौजा भी चौखा धो धुपा र पैरबा लागगा, जंडा तक बूढ़ा ठेरा बुजुर्ग तो अंबार ही कांबळो लपेट र रैबा लागगा वंया स्याळो तो आपका टैम प ही आयो छः और बरसा नै देखता तो ई बार फेर भी थोड़ो मोड़ो आयो पण अब अचानक ही मौसम पलटी मारगो अर धीरै धीरै जाड़ों (तेज सर्दी) आ रयो छः। टीवी चैनला अर बड़ा बड़ा अखबारां मैं रोजीना कोरोणा की खबरां खूब आ री छः कि कोरोणा की दूसरी लहर भी आ ही गी अर दूसरा देशां मैं तो यो कोरोणो घणा लोगां नै चपैट मैं लेर पूंचा दियो। बड़ा बड़ा लोग ईका लपेटा मैं आगा। आपणा राजस्थान का उदयपुर जीला मैं एक ब्याव मैं कई लोग इ महामारी का चक्कर मैं आगा। पण फेर भी लोग ब्याव सावा मैं खूब डोल रिया छः ज्यो आपणै अर आपणा परिवारां कै लिए भारी पड़ सकै छः। जंडा तक हो सकै ब्याव सावा नै टाळबा मैं ही चतुराई छः अर जाड़ा नै देखता हुयां सावधानी राखबा की जरूरत छः, जाड़ा मैं कोरोणा ज्यादा फैल सके छः। हां इकी सुई भी बड़ा बड़ा डाकटर तैयार कर रिया छः पण हाल कोई भरोसो कोन सुई लगाबा सूं रैक्सन भी है सकै छः। तो अबार लापरवाही न बरत र सावधानी सूं ही इ महामारी नै दूर राख सकां छा। आपणा गांवां का बैद्य जी को कहबो छः कि हो सकै तो रोजीना श्याम नै सोती टैम नूआया दूध मैं थोड़ो अदरक , हळदी या चमनप्राश मिला र पीवां जिसूं जाड़ा मैं आपणी शरीर की अन्दर की शक्ति गाढी रैवै।
     फेर भी लापरवाही न बरत, अर आपणो अर आपणा परिवार को पूरो ध्यान राखो। अर मूंडा पै बढ़िया मास्क लगा र दो हाथ की दूरी नै याद राखो। जय राम जी की।।
         आर.एन.गौतम
               लेखक
      गांव दयापुरा, चाकसू
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