भारत रत्न डॉ बी आर अम्बेडकर की परिकल्पना का भारत" विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन



जयपुर : डींएनटी महासभा ऑफ़ इंडिया द्वारा बाबू डॉ बी आर अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल केसावत "मेवाड " पूर्व राज्यमंत्री अध्यक्षता में राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार का विषय "डॉ.बी आर अंबेडकर की परिकल्पना का भारत " रखा गया। वेबिनार के मुख्य वक्ता रिटायर्ड ज़िला सत्र न्यायाधीश उदय पाल बारूपाल जबकि  विशिष्ट वक्ता  राजकीय महाविद्यालय बाबू शोभाराम अलवर के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ भरत मीना मेंजाने माने सामाजिक कार्यकर्ता व दलित चिंतक लेखक भँवर मेघवंशी ने प्रथम उद्बोधन कर व्याख्यान दिया। राष्ट्रीय संत श्री श्री भजनाराम महाराज ।

इस अवसर मुख्य वक्ता रिटायर्ड न्यायाधीश ने कहा कि हजारों सालों से बहुजनों व स्त्रियों को यह समझाया गया है कि वे  हीन हैं। लेकिन डॉ अंबेडकर ने अपने चिंतन और संघर्ष से उन्हें इस मानसिकता से बाहर निकालने का जो प्रयास किया, वह काबिले तारीफ है। आज 21वी सदी में भी पाखंड और अंधविश्वास से भरे भारतीय समाज को अंबेडकर का तार्किक व वैज्ञानिक चिंतन ही सही दिशा दे सकता है। उन्होंने कहा कि अंबेडकर के  धर्मनिरपेक्षता, मानवतावाद और समाजवाद आधारित विचारों के बिना हम भारत को आधुनिक और समर्थ राष्ट्र नहीं बना सकते।

व्याख्यान देते हुए भँवर मेघवंशी ने कहा कि अंबेडकर का वक्तित्व और चिंतन इतना विराट है कि वे हमें एक ही समय में समाजशास्त्री, अर्थशास्त्री,  राजनीतिशास्त्री, संविधानवेत्ता और मनोवैज्ञानिक के तौर पर दिखाई देते हैं। उन्होेंने यह भी कहा कि अंबेडकर के चिंतन में केवल समस्यायें ही नहीं थी बल्कि उन समस्याओं के निदान का रोडमैप भी था। हमने अंबेडकर की पहचान एक दलित चिंतक और नेता की बना दी है। लेकिन मजदूरों और स्त्रियों के सवालों पर भी वे उतने ही मुखर रहे है जितने दलितों के सवालों पर रहे हैं।

विशिष्ट वक्ता डॉ भरत मीना ने कहा कि भारत की मौजूदा समस्याओं के जवाब हमें अंबेडकर के चिंतन में देखने को मिलता है। उन्होंने अंबेडकर की इस बात को उद्रित किया कि हमारे समाज के दो शत्रु  हैं- कर्मकांडवाद और पूंजीवाद। जब तक हम इन दो शत्रुओं का खात्मा नहीं करेंगे तब हम न्याय,  बराबरी और बंधुता पर आधारित समाज व्यवस्था स्थापित नहीं कर सकते।

अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए गोपाल केसावत "मेवाड पूर्व राज्यमंत्री ने कहा कि अम्बेडकर की दलितो और स्त्रियों को शोषण से मुक्त करने की चिन्ता तथा धार्मिक व सामाजिक  जड़ता के विरूद्ध चेतना की झलक हमें हमारे संविधान में स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ती है। मनुष्य के सुख दुःख, उसकी पीड़ा, वेदना और उसके भविष्य की चिन्ता अम्बेडकर के विचारों का केन्द्र बिन्दु थी। बाबा साहब संविधान निर्माता से पूर्व एक श्रमिक नेता के रूप एंव मानव सभ्यता के पैरोकार थे समभाव समधर्म एंव सुनहरे भारत की परिकल्पना और मौजूदा भारत में परिस्थितियॉं जो बनी वह संविधान के विपरीत है राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दलित आदिवासी घुमंतू , किसानों के पैरोकार हैं उनकी जन कल्याणकारी योजनानायें बाबा साहेब के संविधान के अनुरूप है ।
संत भजनाराम वसुदेव कुटुम्बकम महामानव का देश के प्रति योगदान अस्विस्मरणीय रहेगा ।

वेबिनार का सारांश सह संयोजक वरिष्ठ अधिवक्ता नरेन्द्र गजुआ ने प्रस्तुत किया। खुला सत्र मे सामाजिक कार्यकर्ता पुनाराम जोधपुर , एडवोकेट कुलदीप मालावत , डाँटा एनालिटिक्स पुष्कर लाल , लक्ष्मण लोहरा , राज सोलंकी ने विचार व्यक्त किये।

English

National webinar organized on the theme of "Bharat Ratna Dr. BR Ambedkar's Vision of India"

Jaipur: A national webinar was organized by DNT Mahasabha of India under the chairmanship of founder National President Gopal Kesavat "Mewad" former Minister of State on the occasion of Mahaparinirvan Diwas of Babu Dr. BR Ambedkar. The theme of the webinar was "Dr. BR Ambedkar's Vision of India". The main speaker of the webinar was retired District Sessions Judge Uday Pal Barupal while distinguished speaker Dr. Bharat Meena, Assistant Professor of Government College Babu Shobharam Alwar, is a well-known social activist and Dalit thinker Bhanwar Meghvanshi gave the first address and gave a lecture.
Distinguished speaker Dr. Bharat Meena said that we find answers to the current problems of India in Ambedkar's contemplation. He cited Ambedkar's point that our society has two enemies - ritualism and capitalism. Till we do not eliminate these two enemies, then we cannot establish a society based on justice, equality and fraternity.
The contribution of Saint Bhajanram Vasudev Kutumbakam Mahamanav towards the country will be unforgettable.

The summary of the webinar was presented by Co-convenor Senior Advocate Narendra Gajua. In the open session, social activists Punaram Jodhpur, Advocate Kuldeep Malawat, Data Analytics Pushkar Lal, Laxman Lohra, Raj Solanki expressed their views.




सादर

गोपाल केसावत
पूर्व राज्यमंत्री
राजस्थान सरकार

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Junjaram Thory
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