Fwd: रबी फसलों का बीमा कराने की अंतिम तिथि 15 दिसम्बर




रबी फसलों का बीमा कराने की अंतिम तिथि 15 दिसम्बर 

जालोर ( श्रवण कुमार ) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा रबी 2020-21 के लिए जारी अधिसूचना के अनुसार जालोर जिले के लिये गेहूँ, चना, सरसों, तारामीरा, जीरा एवं इसबगोल फसल को अधिसूचित किया गया हैं। उप निदेशक कृषि (विस्तार) डॉ. आर.बी. सिंह ने  आग्रह किया है कि  रबी फसलों की बुवाई करने वालें कृषक अपनी फसलों का बीमा अवष्य करावें ताकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में वर्णित जोखिम की स्थिति में बीमित कृषकों को बीमा क्लेम का उचित लाभ मिल सकें। उन्होने बताया कि जालोर जिले में फसल बीमा के क्रियान्वयन के लिए बजाज एलायन्ज जनरल इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड को अधिकृत किया गया है। योजनान्तर्गत फसली ऋण लेने वाले ऋणी कृषक, गैर ऋणी कृषक एवं बटाईदार कृषकों द्वारा फसलों का बीमा करवाया जा सकेंगा। कृषक द्वारा मात्र एक बैंक/संस्था के माध्यम से ही फसल का बीमा कराया जायेंगा। कृषक द्वारा किसी भी स्थिति में दोहरा बीमा मान्य नहीं होगा। गैर ऋणी एवं बटाईदार कृषक स्वैच्छिक आधार पर अपनी फसलों का बीमा नांमाकन  अन्तिम तिथि 15 दिसम्बर 2020 तक निकट के सहकारी/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक/वाणिज्यिक बैंक की शाखाओं एवं सी.एस.सी के माध्यम से अथवा अधिकृत बीमा कम्पनी बजाज एलायन्ज जनरल इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड के प्रतिनिधि अथवा फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से भी निर्धारित प्रक्रिया अनुसार करा सकेंगे। इस हेतु कृषक को स्वयं प्रमाणित प्रस्तावित क्षेत्रफल में बोई गयी/बोई जाने वाली फसलों के खसरा नम्बरों के नवीनतम जमाबन्दी की नकल, एक घोषणा पत्र, आधार कार्ड की प्रति, स्वंय के बैक खातें की पासबुक कॉपी के साथ प्रस्ताव पत्र प्रस्तुत करना होगा।   बीमित कृषकों को कम वर्षा अथवा प्रतिकूल मौसमीय परिस्थितियों से बुवाई नहीं होने की स्थिति (बाधित/निष्फल बुवाई), खडी फसल (बुवाई से कटाई) में सुखा, लम्बी सुखा अवधि, बाढ़, जलप्लावन, कीट एवं व्याधि, भू-स्खलन, प्राकृतिक आग एवं बिजली का गिरना, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, आंधी, समुद्री तूफान, भंवर एवं बवंडर से होने वाले उपज में नुकसान के लिये व्यापक जोखिम बीमा-राज्य सरकार द्वारा संपादित फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त उपज आंकडों के आधार पर, फसल कटाई उपरांत सूखने के लिये खेत में काटकर फैलाकर छोडी गई फसल को चक्रवात, चक्रवाती वर्षा, असामयिक वर्षा तथा ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान के लिये कटाई उपरांत अधिकतम 02 सप्ताह (14 दिन) की अवधि के लिए, अधिसूचित क्षेत्र के आंषिक कृषि भूमि क्षेत्र में ओलावृष्टि, भू-स्खलन, बादल फटना, प्राकृतिक आग एवं जलप्लावन से व्यक्तिगत आधार पर हुए नुकसान आदि। युद्ध, आणविक खतरों, शरारतपूर्ण क्षति एवं अन्य रोके जा सकने वाले जोखिम से होने वाली क्षति को योजना के तहत बीमा कवर से बाहर माना जाएगा। अधिसूचना के अनुसार समस्त अधिसूचित फसलों के लिये जोखिम स्तर 80 प्रतिषत निर्धारित किया गया है तथा फसलों की बीमित राषि की 1.5 प्रतिषत (व्यवसायिक फसलों-जीरा, इसबगोल हेतु 5 प्रतिशत) प्रीमियम राषि के रुप में कृषक द्वारा वहन की जायेगी। अधिकृत बीमा कम्पनी का टोल फ्री नम्बर 18002095959 है। 
बीमा करवाते समय बुवाई प्रमाण पत्र अवश्य संलग्न करे उन्होने कृषकों से अपील की है कि वे ई-मित्र अथवा अन्य प्रकार से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत फसल का बीमा करवाते समय बुवाई प्रमाण पत्र पटवारी अथवा कृषि पर्यवेक्षक से प्राप्त कर अवश्य संलग्न करे ताकि जरूरत पडने पर किसी भी स्थिति में बीमा क्लेम के समय परेशानी का सामना ना करना पडे। उन्होने यह भी आग्रह किया कि जिन कृषकों ने ई- मित्र के माध्यम से खरीफ 2020 के लिये प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत बीमा करवाया है वे ई-मित्र पर जाकर ये पता कर ले की उनका पॉलिसी नम्बर जनरेट हो गया है। अगर किसी कारणवश ये पॉलिसी नम्बर जनरेट नही हुआ है तो ई मित्र पर सम्पर्क कर उस कमी की तुरन्त पूर्ति कर पॉलिसी नम्बर जनरेट करवाये।   विभिन्न रबी की फसलों में बीमित राशि एवं कृषक प्रीमियम राशि प्रति हैक्टर इस प्रकार है- गेहूँ बीमित राशि रू. 41171, प्रीमियम राशि रू. 617.57, चना बीमित राशि रू. 49317, प्रीमियम राशि रू. 739.76, सरसों बीमित राशि रू. 53083, प्रीमियम राशि रू. 796.25, तारामीरा बीमित राशि रू. 21353, प्रीमियम राशि रू. 320.30, जीरा बीमित राशि रू. 90282, प्रीमियम राशि रू. 4514.1 तथा इसबगोल की फसल में बीमित राशि रू. 61233, प्रीमियम राशि रू. 3061.65 प्रति हैक्टर निर्धारित है। जालोर जिले में फसल बीमा हेतु बजाज एलायन्ज जनरल इन्श्योरेंस कम्पनी की ओर से इस बीमा योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु मोबाईल वैन का उपयोग किया जा रहा हैं। ये मोबाईल वैन जिले की समस्त ग्राम पंचायतों एवं पटवार हल्को में जाकर प्रत्येक गांव में कृषकों को फसल बीमा के प्रति जागरूक करेंगी।
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