रेवतडा में अतिक्रमण हटाने के लिए परशुराम राजपुरोहित ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र
एक आईना भारत
जालौर के निकटवर्ती रेवतडा निवासी परशुराम पुत्र टिकमाजी राजपुरोहित ने अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर अवगत करवाया की हमारे गांव में सरपंचों की मिलीभगत से बाहुबली भूमाफिया व राजनीतिक रसूखदार लोगों ने मडला तालाब कुटिया तालाब नाडी तालाब पानी के बहाव क्षेत्र वाले रास्ते सरकारी भूमि पर गोचर भूमि पर अतिक्रमण किया गया है जिनको पूर्व सरपंचों द्वारा फर्जी पट्टे भी जारी कर दिए गए हैं फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र के जरिए रजिस्ट्री भी करवाई हुई है फर्जी स्टांप के जरिए मालिकाना दिया गया है जो कानून रूप से गलत है सरपंचों द्वारा जारी किए गए पट्टों में खसरा नंबर नहीं दर्शा कर राजस्व भूमि गोचर की भूमि तालाबों की भूमि पानी के बहाव वाले रास्तों की भूमि को ग्राम पंचायत की आबादी भूमि में बता कर अनापत्ति प्रमाण एवं फर्जी पट्टे जारी किए गए हैं ऐसे तमाम कूट रचित दस्तावेजों के माध्यम से किए गए अतिक्रमण तुरंत प्रभाव से हटाए जावे संबंधित अधिकारियों को राजस्थान सरकार उच्च न्यायालय के आदेश की पालना कर अतिक्रमण हटाकर सत्र 1955 से पहले की स्थिति को बहाल करवाने के निर्देश देवें गोचर एवं अन्य सरकारी जमीन पर भू माफियाओं का कब्जा होने की वजह से मुक बधिर पशु गाय नंदी जानवर चारा चरने के लिए खेतों पर जाते हैं ऐसे में खेत के मालिक उन पर लाठियों व कुल्हाड़ी से हमला करके लहूलुहान कर देते हैं ऐसे में जब गोचर भूमि नहीं रहेगी तो पशु चरने के लिए कहां पर जाएंगे इस प्रकार से पत्र लिखकर रेवतडा से समस्त अतिक्रमण हटाने की मांग परशुराम राजपुरोहित द्वारा की है अब देखते हैं की राजपुरोहित द्वारा पत्र लिखने पर मुख्यमंत्री क्या संज्ञान लेते हैं क्योंकि पूर्व में कलेक्टर को भी सूचित किया जा चुका है लेकिन अभी कलेक्टर की भी नियुक्ति दूसरी हुई है।
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