धवला की नर्स अनीता व्यास 53 बार कर चुकी है रक्तदान कोरोना काल में भी लगातार दे रही हैअपने क्षेत्र में सेवाएं
राजस्थान लेवल पर भी कई बार सम्मानित हो चुकी है एएनएम
एक आईना भारत /
अगवरी वर्तमान समय में महिलाएं भी पुरुषों से हर क्षेत्र में आगे हैं और हर क्षेत्र में अपनी धाक जमाए हुए हैं भले ही चिकित्सा क्षेत्र हो या समाज सेवा हो या रक्तदान की बात हो ऐसी ही शख्सियत है जिनका नाम है अनीता व्यास जो वर्तमान में धवला उप स्वास्थ्य केंद्र पर एएनएम के पद पर कार्यरत है अनीता व्यास द्वारा स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जो कार्य सौंपा गया है उन्हें पूरी निष्ठा और लगन के साथ करती है और स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले हर पेशेंट के साथ एक परिवार के सदस्य के जैसा व्यवहार करके उनकी तकलीफ को जानकर उनका इलाज करती है उनके इस कार्य को देखकर गांव के सभी लोग उनसे काफी प्रभावित हैं
कोरोना काल में भी इनकी सेवाएं जारी रही हैं
जब पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा था उस भी अनीता व्यास अपने कार्य को निष्ठा के साथ जारी रखा और अपनी जान को जोखिम में डालकर भी चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाई अपने खुद के खर्चे मास्क बना कर भी लोगों को बांटे लोगों को घर पर जाकर दवाइयां वितरित करना लोगों को वैक्सीन लगाना पुणे कोरोना गाइडलाइन की पालना करने के लिए पाबंद करना अपनी जान को जोखिम में डालकर भी निरंतर अपना कार्य जारी रख रही है
रक्त कोष फाउंडेशन की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष है एएनएम
एएनएम व्यास 53 बार रक्तदान कर चुकी है सैकड़ों लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित भी कर चुकी हैं किसी भी समय रक्तदान के लिए फोन आता है तो वह सभी कार्य छोड़कर पहले रक्तदान के लिए तत्पर रहती है इसीलिए रक्तदान के क्षेत्र में सबसे अग्रणी संस्था रक्त कोष फाउंडेशन कि इन्हें राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाया गया है रक्तदान में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए इन्हें तीन बार जिला स्तर पर सम्मानित भी किया जा चुका है जिला कलेक्टर द्वारा एएनएम का यही कहना है रक्त के अभाव में किसी की जान ना जाए
अब तक सैकड़ों पुरस्कार भी मिल चुके हैं
एएनएम अनिता व्यास को कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है और सैकड़ों पुरस्कार प्राप्त किए हुए हैं जिसमें अंबेडकर महिला कल्याण पुरस्कार माता यशोदा पुरस्कार चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया राज्यपाल एवंचिकित्सा मंत्री वासु देवनानी ने भी इन्हें सम्मानित किया था इसके अलावा भी कई पुरस्कार मिल चुके हैं
5 बच्चों को गोद लिया 100 बच्चों को चरण पादुका भी बाटी
जालोर के तत्कालीन जिला कलेक्टर डॉ जितेंद्र कुमार सोनी से प्रभावित होकर पांच अनाथ बच्चों को गोद लेकर उनकी परवरिश की जिम्मेदारी ली और 100 बच्चों को चरण पादुका भी बाटी जिसके लिए जिला कलेक्टर ने इन्हें जिला स्तर पर सम्मानित भी किया था
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