आजकल ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा मिल रहा है वही एक समाज सेविका द्वारा गरीब बच्चों को पढ़ाने का प्रयास जारी




आजकल ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा मिल रहा है वही एक समाज सेविका द्वारा गरीब बच्चों को पढ़ाने का प्रयास जारी 

एक आईना भारत
केरु/जोधपुर

एक और जहां  कुछ लोग शिक्षा को व्यवसाय बना कर बच्चों को शिक्षा देने की एवज में अभिभावकों से मोटी रकम वसूल कर रहे हैं शिक्षा की ये दोनों पद्धति गरीब जरूरतमंद परिवारों के बच्चों से कोसों दूर है मजदूर वर्ग गरीब परिवार ना ही स्कूलों में मोटी फीस तय कर सकते हैं और ना ही बच्चों के लिए ऑनलाइन शिक्षा के संसाधन जुटा पाते हैं वहीं दूसरी तरफ इन सबसे हटकर समाजसेवी राजेश्वरी विश्नोई ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर जोधपुर शहर में  ऊँटों की घाटी ,कालीबेरी एरिया में गरीब व जरूरतमंद बच्चों के शिक्षा का बीड़ा उठाते हुए मां सरस्वती विद्या संस्कार केंद्र की शुरुआत की है जिसमें बच्चों को शिक्षा व भारतीय  संस्कृति के संस्कार देने के साथ-साथ उनकी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने की जिम्मेदारी भी ली है ताकि इन बच्चों का भविष्य अंधकारमय होने से बच सकें।
मां सरस्वती विद्या संस्कार केंद्र में अभी तक 60 बच्चो का नामाकन हुआ है इन बच्चो की उम्र 4 से 10 साल के मध्य है जिन्हे पूर्ण सोसल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हैं अध्यन करवाया जाएगा इन बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ कॉपी किताब कपड़ा व करोना महामारी से बचाव हेतु मास्क व साबुन , सैनिटाइजर का वितरण भी समय-समय पर किया जाएगा।
राजेश्वरी बिश्नोई ने कहा कि सोशल मीडिया के सदस्यों के माध्यम से उन बच्चों का भविष्य संवारने की ठानी जिनके माता-पिता गरीबी की वजह से उनको पढ़ा नहीं पाते जिससे बच्चों का बचपन मेहनत मजदूरी में बीत रहा है इसी कड़ी में सोशल मीडिया के माध्यम से मदद के हाथ बने प्रवासी भारतीय रमेश जी सियाग गाँव जाखल जोधपुर हाल केन्या  जो इन बच्चों की शिक्षा के लिए आगे आए इनके साथ साथ सोशल मीडिया के अन्य सदस्यों ने भी समय-समय पर इन बच्चों की मदद करने का भरोसा दिलाया जो कि हमारे हौसलों को पंख लगाने जैसा साबित हुआ।
 साथ ही बिश्नोई ने कहा कि सोशल मीडिया का उपयोग नकारात्मक सोच या केवल मनोरंजन साधन के रूप में ना करते हुए इसका उपयोग सकारात्मक सोच से किसी के भविष्य को सुधारने में भी किया जा सकता है।
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