राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं शिक्षक
सिवाना :- राष्ट्र निर्माण में शिक्षक अपनी अहम भूमिका निभाते हैं! बच्चों के सुनहरे भविष्य के निर्माण करने में शिक्षकों का योगदान होता है! शिक्षक दिवस के अवसर पर विभिन्न शिक्षकों ने अपनी प्रतिक्रिया में यह बातें कही!
"वास्तविकता में शिक्षकों का जीवन में सुख का पदार्पण नहीं होता! यह अपने समस्त सुखों को त्याग कर बच्चों के भविष्य के निर्माण में दिन रात एक कर लगे रहते हैं!
अजयसिंह परमार
प्रधानाचार्य - आदर्श विद्या मन्दिर माध्यमिक सिवाना
"एक बच्चे के भविष्य को बनाने में शिक्षक का ही योगदान होता है बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं! उन्हें सही आकार एक सही शिक्षक ही दे सकता है!
मोहनराम सरगरा
अध्यापक -रा,उ,मां,वि, सिवाना
" बच्चों के अंदर शिक्षक संस्कार भरते हैं वही अपने जीवन के समस्त सुखों को त्याग कर बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं"
गौतमसिंह राजपुरोहित
व्यवस्थापक :- गुरु खेतेश्वर विधा मंदिर उ. प्रा. वि.सिवाना
" सही मायने में शिक्षक का अर्थ है छात्रों को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाना! विद्यार्थियों में संस्कार अनुशासन तथा आदर के गुण का निर्माण करें ताकि विद्यालय शिक्षा से विद्यार्थी अपने वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त कर सकें!
आम्बसिह राजपुरोहित
तृतीय श्रेणी अध्यापक =रा. उ.प्रा.वि.गूंगरोट
" विद्यार्थी के जीवन के अनुरूप उसके इच्छा को पूर्ण करना शिक्षक की जिम्मेदारी होती है! जिससे शिक्षक अथक प्रयास कर उसे सही मंजिल तक पहुंचाने का काम करता है! वास्तविकता में शिक्षक एक निमित्त मात्र है! जिनके दिशा निर्देश के अनुसार विद्यार्थियों को चलने की आवश्यकता है!
लेखराज देवासी
अध्यापक - रा,उ,प्रा,वि, जीनगरो का वास
शिक्षक एक राष्ट्र की भावी पीढ़ी का निर्माणकर्ता है। सरकारी शिक्षकों के साथ निजी शिक्षकों का भी समय समय पर सरकार द्वारा प्रोत्साहन स्वरूप सम्मान करना चाहिए।
तगसिंह सोलंकी
प्रधानाध्यापक मयूर बाल विद्या मंदिर सिणेर
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