चाकसू सैटेलाइट अस्पताल में रात्रि समय में नहीं‌ है गार्डों की व्यवस्था*



चाकसू सैटेलाइट अस्पताल में रात्रि समय में नहीं‌ है गार्डों की व्यवस्था*

*सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अस्पताल में गार्ड की कर्मी को पूरा कर रहे हैं कस्बे के आवारा कुत्तों का झुंड*

 चाकसू कस्बे में राजकीय सैटेलाइट अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिकित्सा विभाग की बहुत बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। जिससे बीमारियों से ग्रसित मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन अस्पताल प्रशासन इस और ध्यान नहीं दे रहे हैं। वहीं प्रत्यक्ष दर्शको ने जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार अल सुबह 2 बजे के आसपास राजकीय सैटेलाइट अस्पताल के किसी भी प्रवेश द्वार पर कोई गार्ड मोजूद नहीं है। ना ही इमरजेंसी वार्ड में कोई भी अस्पताल कर्माचारी अपनी सीट पर मौजूद नहीं मिलें। बिमार लोगों के साथ आएं परिजनों ने इमरजेंसी सीटों से डाक्टर नदारद मिलने से घबरा गए। लेकिन वही इधर उधर किसी को पूछताछ व नर्सज कक्ष में आराम की गहरी नींद में सोते मिलें। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अस्पताल परिसर में ना ही गार्ड की व्यवस्था ना ही एमरजेनसी वार्ड सीटों पर कोई अस्पताल कर्मचारी मौके पर मौजूद मिलें। 

*अस्पताल परिसर में गार्डों की कमी को आवारा कुत्तों की निगरानी में अस्पताल की सुरक्षा*

अस्पताल परिसर से लेकर बाहर मैंन गेट तक कोई भी गार्ड नहीं दिखाई दिया। ऐसे में अस्पताल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्थाओं की कमी बिमार व्यक्तियो सहित गर्भवती महिलाओं सहित नवजात शिशुओं पर खतरा मंडरा रहा है ऐसे में गार्ड व्ययस्था नहीं होने पर रात्रि समय में चाकसू कस्बे के आवारा कुत्तों का आना-जाना लगा रहता है इन आवारा कुत्तों से कभी भी किसी को नुकसान व नवजात शिशुओं के लिए बहुत बुरा खतरा है वहीं कोई अनजान या असामाजिक तत्व लागों द्वारा अस्पताल परिसर में घुस जाने की सम्भावना है अन्य कोई दुघर्टना या कोई घटना घटित होने जाने पर किसकी जिम्मेदारी होगी। 

*उप जिला अस्पताल केवल नाम का ही लेकिन व्यवस्थाओं की कमी नजर आईं*

रात्रि समय में एमरजेंसी केस होने पर अस्पताल में किसी प्रकार की कोई एक भी जांच करने के लिए मशीन या डाक्टर उपलब्ध नहीं होते है ऐसे में जांच व दवाईयां के अभाव में मरीज़ को जयपुर रैफर करना पड़ता है

 *अस्पताल में एक बेड पर 2- 3 मरीजों का इलाज, संक्रमण बढ़ने का खतरा*

इस मौसमी बीमारियों को लेकर कई प्रकार की बीमारियां फैल रही है जिससे सुबह से शाम तक मरीजों की लंबी कतारें लगी रहती है लेकिन अस्पताल प्रशासन व्यवस्था को लेकर एक ही बेड पर 2 से 3 मरीजों को का इलाज किया जा रहा है ऐसे में मरीजों के आपसी संक्रमण फैलने का खतरा काफी ज्यादा है। जिससे मरीजों को ग्लुकोज लगवाने व इलाज करवाने के लिए दवाईयां लेकर कई घंटे खड़े रहकर इंतजार करना पड़ता हैं ।
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