राजस्थानी भाषा मान्यता बाबत सौपा ज्ञापन


राजस्थानी भाषा मान्यता बाबत सौपा ज्ञापन

मरूधर आईना। आहोर

राजस्थान मोट्यार परिषद प्रदेश सचिव कानाराम सिंघल के नेतृत्व में राजीव गांधी सभा भवन जालोर में प्रथम बार मंत्री प्रभार के दौरे पर आये जनजातीय क्षेत्रीय विकास मंत्री अर्जुन सिंह बामणिया को राजस्थानी मोट्यार परिषद के कार्यकर्ताओं ने राजस्थानी भाषा को आठवी अनुसूची में जोड़ने एवं राज्य भाषा बनाने बाबत ज्ञापन सौंपा
प्रदेश सचिव कानाराम सिंघल ने बताया कि जालोर जिले के 15 राजकीय विद्यालय में राजस्थानी विषय संचालित है लेकिन महाविद्यालय पर राजस्थानी भाषा विषय नही होने से चाहते हुए विषय छोड़ने पर मजबूर हो रहे है आप छात्रों के हित को मध्यनजर रखते हुए महाविद्यालय जालोर में राजस्थानी विषय संचालित करवाएं यह दुःख का विषय है कि हम राजस्थान में होने के बावजूद मायड़ भाषा को मान्यता नही है राजस्थान इतिहास को देखा जाए तो विश्व में अपने अदम्य साहस, पराक्रम, शौर्य, वीरता और बलिदान के लिए विख्यात है। इंग्लैंड के प्रसिद्ध कवि रुडयार्ड किपलिंग के शब्दों में- 'दुनिया में अगर कोई ऐसा स्थान है, जहाँ वीरों की हड्डियाँ मार्ग की धूल बनी हैं तो वह राजस्थान कहा जा सकता है।' यहाँ के कितने ही वीरों और वीरांगनाओं ने अपनी भक्ति और शक्ति का परिचय देकर इस भूमि की शोभा बढ़ाई है। जिनमें पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप, मीराबाई, पद्मिनी, हाड़ी रानी, कर्मवती का नाम अग्रणी हैं। कर्नल टॉड की निगाह से देखें तो राजस्थान अपनी सांस्कृतिक-समृद्धि, अद्भुत पराक्रम, शौर्य एवं अनूठी परम्पराओं के कारण इतिहास के आकाश में एक उज्ज्वल नक्षत्र की तरह देदीप्यमान है। 
इस दौरान वागाराम मेघवाल सरपंच नोरवा,गीता श्री सलाहकार मोट्यार परिषद,पुखराज मेघवाल सरपंच निम्बला,रमेश धांधू मालगढ़,सुरेश कुमार,अम्बाराम मीणा,सुरताराम मीणा सरपंच पांचोटा समेत कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे।
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