report -Surendra Singh Rajpurohit
यूक्रेन में इंडियन स्टूडेंट्स काफी संख्या में फंस हुए हैं। कुछ भारत पहुंचे। ऐसे ही एक स्टूडेंट कैलाश उर्फ लालसिंह भी भारत पहुंच चुके हैं। उन्होंने दिल्ली में उतरते ही Media से बात की। उन्होंने कहा कि मैं अपने आप को बहुत लक्की फील कर रहा हूं। घरवालों की दुआ थी। इससे मैं सुरक्षित भारत पहुंच गया। कीव एयरपोर्ट पर फ्लाइट लेट होने के बाद 5-6 घंटे बहुत मुश्किल से निकाल थे। हमारी फ्लाइट के बाद वहां से कोई फ्लाइट शायद नहीं आई। वहां के स्थानीय लोगों के चेहरे पर डर नजर आ रहा था। हमारी फ्लाइट रवाना होने के बाद वहां पर बमबारी हुई है।
बाड़मेर के बीसूकलां निवासी करणसिंह, 2018 और गादान निवासी कैलाशसिंह उर्फ लालसिंह, 2020 में MBBS करने के लिए यूक्रेन गए थे। करणसिंह का एमबीबीएस का फोर्थ ईयर है। कैलाश सिंह सेकेंड ईयर में पढ़ता है। 6 महीने पहले ही दोनों बाड़मेर आए थे। इसके बाद दोनों यूक्रेन चले गए। दोनों मौसेरे भाई हैं। दोनों यूक्रेन के Bukovinian State Medical University से एमबीबीएस कर रहे हैं।
यूक्रेन स्टूडेंट कैलाशसिह उर्फ लालसिह ने बताया कि मैं और मेरे मौसेरा भाई दिल्ली पहुंच गए हैं। युक्रेन के कीव में हालात बहुत ही नाजुक थे। लोगों के चेहरे पर डर था। इंडियन स्टूडेंट्स की इंडिया जाने की होड़ मची हुई थी। हम लोग अपने आपको बहुत ही लक्की मान रहे है। यूक्रेन से दिल्ली पहुंच गए है। हमारी सरकार से अपील है कि वहां पर फंसे मेरे दोस्तों को इंडिया लाया जाए। पहले वार की न्यूज आई 16 को होगा उसके बाद 20 होगा जैसे-जैसे डेट आगे बढ़ रही थी। हमारे मन भी तनाव बढ़ता जा रहा था। इंडिया में परिवार के लोग भी टेंशन ले रहे थे। यूनिवर्सिटी और परिजनों ने पहले ही बोल दिया था कि पैनिक हालात में रुपए पहले से स्टॉक कर ले। टिकट महंगी बिक रही थी। नॉर्मल से तीन गुना ज्यादा रुपए में बिक रही थी।
फ्लाइट लेट होने पर लगा सबसे ज्यादा डर
स्टूडेंट के मुताबिक यूनिवर्सिटी वेस्ट की तरफ थी। लेकिन भारत जाने के लिए कीव एयरपोर्ट ही जाना पड़ता था। वहां पर वार भी हो रहे थे। 22 फरवरी को जब वहां से निकलते थे तब मन में डर था कि कई कीव एयरपोर्ट से पहले या एयरपोर्ट में फंस नहीं जाए। मन में डर सता रहा था, लेकिन भारत भी लौटना था। फिर भी हिम्मत करके एयरपोर्ट से वहां पर निकल गए है। एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद फ्लाइट 5-6 घंटे लेट थी। इन 5-6 घंटों में सबसे ज्यादा डर लगा।
23 को लास्ट फ्लाइट थी
स्टूडेंट कैलाश के मुताबिक फ्लाइट पूरी बुक थी। टिकटों को लेकर महामारी चल रही थी। 23 फरवरी की रात को 60 हजार रुपए में टिकट बुक करवाई थी। फ्लाइट की टिकट की रेट रोजना अलग होती थी। नॉर्मल फ्लाइट की टिकट 24 हजार रुपए के आसपास होती थी, लेकिन अभी टिकट 50-70 हजार रुपए है।