तेज रफ्तार ट्रक का कहर:ननिहाल आया था, सुबह भाई के साथ चाय पीने निकला तो ट्रक ने कुचल दिया
तेज रफ्तार ट्रक का कहर:ननिहाल आया था, सुबह भाई के साथ चाय पीने निकला तो ट्रक ने कुचल दिया
घटना के बाद चालक मौके से ट्रक छोड़कर फरार हो गया। |
जोधपुर- जैसलमेर से अपने ननिहाल जोधपुर आए 18 साल के हरीश वाल्मीकि को तेज रफ्तार ट्रक ने कुचल डाला। दो दिन पहले ही वह अपनी नानी से मिलने व परिवार में शादी का कार्ड देने आया था। उसके कजन भाई अर्जुन और सुनील की सुमेर स्कूल में नाइट ड्यूटी थी। जब भाई सुबह फ्री हुए तो हरीश को साथ लेकर चाय पीने चले गए। सभी चाय पी कर घर लौट रहे थे। अचानक एक ट्रक तेज रफ्तार में आया और उसने एक वाहन को टक्कर मार दी। इसके बाद ट्रक ने फुटपाथ पर चल रहे तीनों भाइयों को चपेट में लिया। हरीश को ट्रक ने कुचल दिया। दो भाई सुनील व अर्जुन घायल हो गए।
घायल अर्जुन ने बताया कि वह अपने भाई सुनील के साथ सुमेर स्कूल में नाइट ड्यूटी खत्म कर आ रहा था। |
महामंदिर थाना क्षेत्र में मुख्य सड़क पर श्रीराम हॉस्पिटल के बाहर हुई इस घटना के बाद चालक मौके से ट्रक छोड़कर फरार हो गया। घटना की सूचना पर महामंदिर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। साथ ही घायल को अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां उनका उपचार जारी है। वहीं, पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया।
ट्रक ने पहले कार को चपेट में लिया। |
महामंदिर थाना अधिकारी लेखराज ने बताया कि युवक दो दिन पहले ही इंद्रा कॉलोनी स्थित अपने ननिहाल आया था। सुबह रिश्तेदार के साथ चाय पी कर लौट रहा था। इस दौरान ट्रक ने चपेट में लिया। मामला दर्ज कर लिया गया है। ट्रक चालक की तलाश जारी है।
फलौदी नम्बर का है ट्रक। |
घायल अर्जुन ने बताया कि वह अपने भाई सुनील के साथ सुमेर स्कूल में नाइट ड्यूटी खत्म कर आ रहा था। उनका रिश्तेदार हरीश जैसलमेर से यहां परिवार में एक शादी के कार्ड देने आया था, वह भी उनके साथ था। सुबह ड्यूटी खत्म कर जब हम वापस लौटे इस दौरान ट्रक ने हमें टक्कर मारी। इसमें हम दोनों भाई घायल हो गए जबकि हरीश ट्रक चपेट में आ गया।
हरीश की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है।पुलिस ने बताया कि परिजनों की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। हरीश की मां को जब घटना की जानकारी लगी तो वह जोधपुर पहुंची। जहां बेटे की लाश देखकर रो-रोकर उसका बुरा हाल हो गया। परिवार के लोगों ने उसे संभाला।
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