थाने में युवक के साथ मारपीट, 2 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर:थाने का घेराव कर दिया धरना, देर रात बनी सहमति, धरना समाप्त
थाने में युवक के साथ मारपीट, 2 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर:थाने का घेराव कर दिया धरना, देर रात बनी सहमति, धरना समाप्त
बाड़मेर- घर पर सो रहे युवक को सिविल ड्रेस में आए पुलिसकर्मी होली के सुबह 4 बजे जबरदस्ती उठाकर थाने ले जाने और मारपीट करने के मामले में दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने के बाद रात को धरना समाप्त कर दिया गया। मामला बाड़मेर जिले के गिड़ा थाने इलाके का है। वहीं, पीड़ित जोगाराम के एसपी से मिलने के बाद डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया और मेडिकल करवाकर पूरे मामले की जांच एएसपी नरपतसिंह कर रहे है।
दरअसल, होली के दिन पीड़ित जोगाराम को थाने ले जाकर पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट करने के मामले में परिजन व आम लोगों ने थाने के बाहर धरना देकर घेराव कर दिया। थानाधिकारी सहित दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने, पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद देने व पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर आरएलपी के प्रदेश महामंत्री उम्मेदाराम के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने थाने का घेराव कर बाहर बैठ गए।
भारी पुलिस जाब्ता तैनात
रविवार को पूरे दिन चले धरने व नारेबाजी को देखते हुए गिड़ा व बायतु थाने के अलावा अतिरिक्त पुलिस बल गिड़ा में तैनात किया गया। वहीं घटना को लेकर बायतु डीएसपी जगूराम पूनिया मौके पर पहुंचे तो आरएलपी के कार्यकर्ताओं व धरणार्थियों ने वार्ता करने से मना कर दिया। ग्रामीण दोषी पुलिसकर्मियों सहित थानाधिकारी को हटाने व पीड़ित परिवार को मुआवजा देने पर अड़ गए।
कई दौर की चली वार्ता
थाने के बाहर सैकड़ों की तादाद में लोग मौजूद रहे। मामला बढ़ता देख बाड़मेर एएसपी नरपतसिंह मौके पर पहुंचे व प्रतिनिधिमंडल के साथ कई दौर की वार्ता चली। धरणार्थियों व पुलिस प्रशासन के बीच में रात को करीब 10 बजे सहमति बनी। एएसपी ने दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने के बाद धरना समाप्त किया गया।
हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल लाइन हाजिर
वार्ता पर सहमति बनने पर पुलिस अधिकारियों ने हेड कांस्टेबल पुरखाराम व कॉस्टेबल रघुराज गुर्जर को जांच होने तक लाइन हाजिर करने के आदेश जारी किए। वहीं, मामले की पांच दिन में जांच कर पीड़ित को न्याय दिलाने की बात पर धरना समाप्त किया गया।
यह रहे मौजूद
घेराव के दौरान रालोपा प्रदेश महामंत्री उम्मेदाराम बेनीवाल, जालाराम पालीवाल, कानाराम लेघा, ओमप्रकाश काकड़, विरधाराम सियाग, जेठाराम लील, पंचायत समिति सदस्य चुनाराम गोदाराम, तेजाराम जाजड़ा, जब्बरसिंह भाटी, बांकाराम डेलु, ओमप्रकाश बैरड़, खीमसिंह, दायम खान, लाधाराम, जग्गुराम सहित सैकड़ों की तादाद में लोग मौजूद थे।
यह है मामला
पीड़ित जोगाराम का कहना है कि 7 मार्च की सुबह 4 बजे एक स्कार्पियो गाड़ी घर के आगे आकर रूकी और 7-8 लोग गाड़ी से उतरे और दरवाजा खड़खड़ाने लगे, गेट खोलने पर जबरदस्ती घर के अंदर घुसे। मुझे घसीटते हुए बाहर ले जाकर गाड़ी में डाल दिया। इस दौरान पत्नी बीच-बचाव करने आई तो कांस्टेबल ने धक्का देकर नीचे गिरा दिया और वह चिल्लाने लगी तो उसे कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद मुझे सीधे गिड़ा थाना लेकर आए। वहां पर पुलिसकर्मियो ने हाथ-पैर बांधकर पंखे के हुक से लटका दिया। तीन-चार घंटे तक जमकर पट्टो से पीटते रहे और बेहोश हो गया। पीड़ित का कहना है कि मंदिर चोरी को लेकर पूछताछ कर रहे थे। चिल्लाता रहा और उसकी किसी ने नहीं सुनी। पीड़ित का आरोप है कि 22500 रुपए भी छीन लिए। इसके बाद ग्रामीणों के पहुंचने पर उसे छोड़ दिया। पीड़ित शुक्रवार शाम को एसपी से मिला है और निष्पक्ष जांच व कार्रवाई की मांग की है।
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