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राजस्थान में वाेटिंग के 10 दिन बाद आएगा रिजल्ट 23 नवंबर को मतदान, देवउठनी एकादशी भी इसी दिन, वोटिंग प्रतिशत पर पड़ सकता है असर



राजस्थान में वाेटिंग के 10 दिन बाद आएगा रिजल्ट

23 नवंबर को मतदान, देवउठनी एकादशी भी इसी दिन, वोटिंग प्रतिशत पर पड़ सकता है असर

जयपुर - राजस्थान में विधानसभा चुनावों का ऐलान हो गया है। प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में वोटिंग होगी। 23 नवंबर को मतदान होगा और 10 दिन बाद 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम आ जाएंगे, यानी अगले 55 दिन में नई सरकार पर तस्वीर साफ हो जाएगी। चुनावों की घोषणा के साथ ही प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई है। जिस दिन राजस्थान में वोटिंग है, उस दिन देवउठनी एकादशी है। देवउठनी एकादशी को सबसे बड़ा अबूझ सावा माना जाता है, माना जा रहा है कि इससे वोटिंग प्रतिशत पर असर पड़ेगा, क्योंकि इस दिन राजस्थान में लगभग 1 लाख शादियां होंगी। देवउठनी एकादशी पर बड़े पैमाने पर लोग दूसरे गांव में भात भरने, बारात लेकर दूसरे गांव में जाते हैं। इसी तरह हलवाई, बैंड बाजे वाले कैटरिंग वाले और व्यापारी और पुजारी शादी के काम से जुड़ा कारोबार करने वाले सभी लाेग व्यस्त रहते हैं। राजस्थान में 20 जनवरी को मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो जाएगा, उससे पहले सरकार का गठन होना और विधानसभा सत्र बुलाना जरूरी है। 2018 में राजस्थान में 7 दिसंबर को मतदान हुआ था और 4 दिन बाद 11 दिसंबर को चुनाव परिणाम आए थे।

आचार संहिता में ये बंदिशें लागू रहेंगी

1. नए जिलों का नोटिफिकेशन नहीं हुआ, अब नई सरकार ही फैसला करेगी

2. नई सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की घोषणा नहीं हो सकेंगी

3. मंत्री-विधायक सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे

4. सरकारी योजनाओं के बैनर, पोस्टर्स, सरकारी वेबसाइट से मुख्यमंत्री,मंत्रियों व अन्य राजनेताओं के पोस्टर हटाए जाएंगे

5. किसी भी प्रोजेक्ट का शिलान्यास या उद्घाटन नहीं हो सकेगा

आचार संहिता का इन कामों पर नहीं पड़ेगा असर

1. जो सरकारी योजना शुरू हो चुकी हैं, उनका लाभ मिलता रहेगा

2. सरकार कोई तबादला नहीं कर पाएगी, लेकिन चुनाव आयोग अफसरों के ट्रांसफर कर सकेगा

3. सीएम-मंत्री रूटीन काम ही कर सकेंगे

4. सरकारी दफ्तर में जनता से जुड़े सामान्य काम पहले जैसे ही चलते रहेंगे

5. इमरजेंसी हालात में चुनाव आयोग की मंजूरी से बड़े फैसले हो सकेंगे

52% युवा वोटर के पास सत्ता की चाबी

इस विधानसभा चुनाव में सत्ता की चाबी युवा वोटर्स के पास ही होगी। राजस्थान के लगभग 5 करोड़ 27 लाख मतदाताओं में से 51 प्रतिशत वोटर युवा हैं। इनकी उम्र 18 से 39 साल है। इसमें पहली बार वोट डालने वाले 22 लाख 6 हजार मतदाता हैं। इसके साथ ही ढाई करोड़ से ज्यादा महिला मतदाता भी चुनाव के रिजल्ट पर असर डालेंगी। जेंडर आधार पर देखें तो राजस्थान में 51.93% पुरुष मतदाता हैं और 47.79% महिला मतदाता हैं।

पांच साल में 8 लाख युवा मतदाता कम हो गए

सरकार बनाने में युवा वोटर भले ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, लेकिन एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि पिछले पांच साल में युवा वोटर्स की संख्या 8 लाख कम हो गई है। साल 2018 में 18 से 39 साल के मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 81 लाख थी, जो 2023 में घटकर 2 करोड़ 73 लाख हो गई है।

569 पोलिंग बूथ बढ़े

इस विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने 569 पोलिंग बूथ बढ़ा दिए हैं। 2018 में 51 हजार 187 पोलिंग बूथ बनाए गए थे, जबकि इस चुनाव में 51 हजार 756 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं।

एक परिवार के लिए बनाया पोलिंग बूथ

चुनाव लोकतंत्र का उत्सव है, हर मतदाता अपने अधिकार का उपयोग करे, इसके लिए चुनाव आयोग ने भी पूरी तैयारी की है। इसी सिलसिले में चुनाव आयोग ने बाड़मेर जिले की पर ढाणी में सिर्फ एक परिवार के लिए पोलिंग बूथ बनाया है। 2018 में यहां बूथ नहीं था। इस परिवार में 34 वोटर हैं। इसके साथ ही सिरोही जिले के पिंडवाड़ा विधानसभा सीट पर 355 वोटर्स के लिए चुनाव आयोग की टीम 4921 फीट की ऊंचाई पर पोलिंग बूथ बनाएगी। इसके लिए टीम को घने जंगलों के बीच से पैदल जाना होगा।


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