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बजरी माफिया पुलिस देख भागे, 15KM पीछा कर पकड़ी JCB:उबड़-खाबड़ रास्ते पर टायर के निशान से किया चेज; 250 टन स्टॉक जब्त





बजरी माफिया पुलिस देख भागे, 15KM पीछा कर पकड़ी JCB

उबड़-खाबड़ रास्ते पर टायर के निशान से किया चेज; 250 टन स्टॉक जब्त

बाड़मेर- लूणी नदी में बजरी का अवैध खनन कर की सूचना पर पुलिस कार्रवाई करने पहुंची। सिणधरी पुलिस को देख बजरी माफिया वाहनों को लेकर भाग गए। पुलिस ने 15 किलोमीटर कच्चे रास्तों से पीछा कर जेसीबी मशीन को जब्त किया। मामला बालोतरा जिले के सिणधरी थाना इलाके के डंडाली गांव का है। यहां कार्रवाई के लिए पहुंचने वाली टीमों को लोकेशन दे रहे एक गिरोह के युवक को दस्तयाब किया। 250 टन अवैध बजरी स्टॉक जब्त किया है। कार्रवाई से अवैध बजरी माफिया में हड़कंप मच गया। राजस्थान सरकार के आदेश के अनुसार अवैध खनन व परिवहन की लेकर 15 जनवरी से अभियान चलाया जा रहा है। बालोतरा एसपी हरिशंकर के निर्देशानुसार जिले भर की पुलिस एक्टिव मोड पर है। अभियान के तहत खनन विभाग व पुलिस टीमें जिले भर में कार्रवाई कर वाहनों को जब्त कर जुर्माना वसूली की जा रही है। रविवार शाम को डंडाली गांव में लूणी नदी में चल रहे बजरी के अवैध खनन की सूचना पर थानाधिकारी सुरेंद्र कुमार मय टीम कार्रवाई के लिए रवाना हुई। पुलिस को आता देखकर नदी में जेसीबी मशीन से बजरी भर रहे तीन-चार ट्रैक्टर-ट्रॉली के ड्राइवर वाहनों को उबड़-खाबड़ रास्तों से भगाकर ले गए। वहीं जेसीबी ड्राइवर भी मौके से वाहन लेकर भागने लगा। इस पर टीम ने पीछा किया।

15 किलोमीटर पीछा कर पकड़ी जेसीबी

टीम ने गाड़ियों के निशान के आधार पर लगातार कच्चे रास्तों में पीछा किया। करीब 15 किलोमीटर पीछा करने के बाद जेसीबी मशीन को जब्त किया। वहीं बजरी माफियाओं के लिए बजरी के 250 टन स्टॉक को जब्त करने की कार्रवाई कर खनन विभाग को सूचना दी गई। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने खनन गिरोह के एक सदस्य दुर्गपालसिंह पुत्र शैतानसिंह निवासी नई डंडाली को दस्तयाब किया। पुलिस ने वाहन को जब्त कर थाने खड़ा करवाया।

मामला दर्ज

थानाधिकारी सुरेद्र कुमार के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस गिरफ्तार दुर्गपालसिह से पूछताछ कर रही है। कार्रवाई में डीएसपी हरजीराम चौधरी के नेतृत्व में हुई । कार्रवाई में थानाथिकारी सुरेंद्र कुमार, हेड कॉन्स्टेबल लतपतसिंह, जेहाराम, उदाराम, दीपक कुमार, लाभुराम, रामरघुनाथराम, कानाराम, महावीर और रूपकिशोर शामिल रहे।

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