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संभलकर यह जालोर पुलिस है, बिजनेसमैन के बेटे की किडनैपिंग मामले में जालोर पुलिस का खुलासा

 संभलकर यह जालोर पुलिस है, बिजनेसमैन के बेटे की किडनैपिंग मामले में जालोर पुलिस का खुलासा 

बिजनेसमैन के बेटे ने रची खुद के किडनैप की साजिश

शेयर मार्केट में हुआ था 10.50 लाख का घाटा, घर से 90 KM दूर आराम करता मिला



जालोर ( उजीर सिलावट) ग्रेनाइट बिजनेसमैन के बेटे के किडनैपिंग मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। शेयर मार्केट में 10 लाख से ज्यादा का घाटा होने पर बेटे ने ही अपने किडनैपिंग की साजिश रची थी। पुलिस की 7 टीमें तीन दिन किडनैपर्स की तलाश करती रहीं। हालांकि, इंवेस्टिगेशन के दौरान पुलिस अधिकारियों को शक हो गया था कि पूरे केस में बेटा ही आरोपी है। दरसअल, बिजनेसमैन से 6 लाख रुपए के साथ ग्रेनाइट की घिसाई में काम आने वाली बट्‌टी का भी फॉर्मूला भी मांगा गया था। जबकि इस फॉर्मूला की जानकारी बिजनेसमैन के बेटे को थी। मामला जालोर का है। पुलिस ने आरोपी राजेंद्र को आज गिरफ्तार कर लिया है।



इंटरनेट से मिला था आरोपी को आइडिया

जालोर SP ज्ञानचंद्र यादव ने बताया कि ग्रेनाइट व्यापारी रतन लोहार के बेटे को किडनैपिंग का आइडिया उसे इंटरनेट से मिला था। यादव ने बताया कि 17 जून को राजेंद्र के पिता ने कोतवाली थाने में बेटे की किडनैपिंग का केस दर्ज कराया था। जांच में सामने आया कि राजेंद्र ने ही पिता को वॉट्सऐप मैसेज और कॉल किए थे। पिता बेटे की आवाज नहीं पहचान पाए, लेकिन पुलिस ने राजेंद्र की आवाज पहचान ली। फिरौती में ग्रेनाइट की बट्‌टी का फॉर्मूला मांगा तो शक पुख्ता हो गया। इसके बाद 2 दिन में 150 से ज्यादा सीसीटीवी खंगाले तो वह अकेला मिला। पुलिस की कई टीमें लगातार राजेंद्र को ट्रैस करती रही।



रणकपुर रास्ते झाड़ियों में आराम करता मिला आरोपी

राजेंद्र ने पिता को पैसे और फॉर्मूला लेकर आहोर (जालोर) इलाके में बुधवार को अकेले बुलाया था। डिमांड थी कि कार का इंडिकेटर चालू रखें। रकम और फार्मूला सड़क पर रखकर निकल जाएं। प्लान यह था कि दूर जाने पर वह रकम उठा लेगा और घर लौट आएगा। लेकिन उसे पुलिस की मौजूदगी का शक हो गया। इसलिए वह वहां से चला गया। इसके बाद पुलिस उसका फोन ट्रैस करती रही। गुरुवार को उसकी लोकेशन रणकपुर इलाके में मिली। इसके बाद 4.15 बजे रणकपुर के रास्ते में झाड़ियों में आराम करते हुए पकड़ लिया।



आईफोन के कारण ट्रैस करने में हुई परेशानी

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामेश्वरलाल ने बताया कि जैसे-जैसे राजेंद्र की लोकेशन मिली, उस क्षेत्र में पुलिस की टीमें पहुंचीं और तकनीकी सहायता लेकर उसे ढूंढने की कोशिश की। इधर अभय कमांड व साइबर टीमें भी लगातार उसे ट्रैस कर रही थीं। राजेंद्र के पास आईफोन था, इसलिए उसकी लोकेशन आसानी से ट्रैस नहीं हो पा रही थी। पुलिस को जहां भी सीसीटीवी फुटेज में राजेंद्र नजर आया, वह अकेला था। ऐसे में शक हुआ कि उसने किडनैप की कहानी रची है।

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