विधायक आहोर ने खरीफ वर्ष 2018 में शेष रहे किसानो को फसल बीमा क्षतिपुर्ति राशि का भुगतान करने बाबत् मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा।
विधायक आहोर ने खरीफ वर्ष 2018 में शेष रहे किसानो को फसल बीमा क्षतिपुर्ति राशि का भुगतान करने बाबत् मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा।
एक आईना भारत
जालोर आहोर
आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने पत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत् खरीफ 2018 के फसल बीमा के लिए किसानों के खातों में अधुरी राशि डाल कर बीमित किसानों के साथ बीमा कम्पनी द्वारा छलावा किया जा रहा हैं । जिले में खरीफ 2018 के तहत् क्षेत्र में 50 हजार ऋणि काश्तकारों ने बीमा करवाया गया था जिसमें से 15 प्रतिशत किसान बीमा क्षतिपुर्ति राशि से आज भी वंचित हैं किसानों की ओर से करोडो रुपये का प्रीमियम कम्पनी को जमा कराया था जिसमें तीन सौ करोड क्षतिपुर्ति राशि में भुगतान किये जाने थे जिसमें से 270 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई मगर 15 प्रतिशत किसानों भुगतान बकाया होने के बाद कम्पनी द्वारा शेष रहे किसानों को भुगतान को लेकर कार्यवाही अमल नहीं की जा रहीं हैं । बीमा कम्पनी द्वारा बिमित ऋण किसानों के खाते में त्रुटियो को लेकर " दी जालोर सैण्ट्रल कॉपरोटिव बैंक शाखा जालोर "को सुची भेजी गई है कोरोना की आपदा के चलते कार्यवाही पर अमल नहीं हो रहा हैं किसानों को 7 हेक्टर भूमि तक का फसल बीमा करा सकता है । इसके चलते किसानों द्वारा दो पॉलिसी का प्रीमियम जमा करवा कर बीमा करवाया गया है जिसमें से एक पॉलिसी का भुगतान नहीं किया जा रहा है जब की बीमा कम्पनी द्वारा दोहरा प्रीमियम लिया गया है किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा सात हेक्टर का फसल बीमा कराने के लिए प्रीमियम बीमा कम्पनी मे जमा कराया हैं । अतः विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि सरकार नितिगत 7 हेक्टर तक के ऋणी किसानों को फसल बीमा क्षतिपुर्ति राशि का भुगतान करने की कार्यवाही अमल करावे।जिससे इन किसानों को राहत मिल सके। इस दौरान पत्र लिखते समय ईश्वरसिंह थुम्बा भाजपा उपाध्यक्ष जालोर, हकमाराम प्रजापत भाजपा मंडल अध्यक्ष आहोर,जवानमल सुथार भाजपा मंडल अध्यक्ष बागरा, महावीरसिंह भाजपा मंडल अध्यक्ष गोदन, स्वरूपसिंह राजपुरोहित भाजपा मंडल अध्यक्ष भाद्राजून, मांगीलाल राव भाजपा मंडल अध्यक्ष चांदराई आदि भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता लोग सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए उपस्थित रहे।
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