इकलौते बच्चे को अकेला छोड़ जयपुर में कोरोना की जंग लड़ रही है मारवाड़ की मोइना

एक आईना भारत
JAIPUR

इकलौते बच्चे को अकेला छोड़ जयपुर में कोरोना की जंग लड़ रही है मारवाड़ की मोइना

मोइना ने दिया एक नया सन्देश बारह वर्षीय बच्चे की देख रेख है मोइना के भरोसे,फिर भी निभा रही है फर्ज

मारवाड़ जंक्शन:-कस्बे के पाली बस स्टेंड के पास निवास करने वाली मोइना बानू कोरोना महामारी में कोरोना वॉरियर्स के रूप में जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के कोरोना वार्ड में मरीजो की सेवा कर रही है । मूल मारवाड़ जंक्शन निवासी मोइना बानू का कुछ वर्ष पूर्व तलाक हो गया था जिसके बाद इनके 12 वर्षीय पुत्र दानिश की देख रेख की पूरी जिम्मेदारी उन पर है अपने पुत्र को अकेला छोड़ कर कोरोना महामारी में पिछले कई दिनों से मोइना बानू अपनी सेवाएं दे रही है । यही नही मोइना बानू इसके अलावा भी अपनी ड्यूटी के पश्चात घर आकर वीडियो कॉल के माध्यम से अपने बेटे को पढ़ाई भी करवाती है । एक नारी के इस संघर्ष को देख लगता है इसलिए नारी को महान बताया गया है एक ग्रहस्थ जीवन के साथ समाजसेवा एंव सरकारी ड्यूटी को निभा कर अपने परिवार का पालन पोषण करने वाली मोइना जैसे हजारो महिलाओं को हम सलाम करते है ।

पिता की राह पर चलकर सीखी समाजसेवा:-मोइना बानू एक नर्स होने के साथ समाजसेवी भी है इन्होंने जयपुर के कई संस्थाओं में दान पुण्य किया है उन्होंने बताया कि उनके पिता अब्दुल कलाम पंचायतीराज विभाग के पंचायती राज विभाग से रिटायर्ड हुए है उन्होंने अपनी बेटी को सदैव मानव मात्र की सेवा का पाठ पढ़ाया है जिसके बाद चाहे वो सेवा एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में हो या ड्यूटी पर तैनात होकर एक नर्स की तरह हो । उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता को दिया ।

रमजान के महीना,ड्यूटी के बाद करती है इबादत:-रमजान का महीना होने के कारण मोइना बानू अपनी ड्यूटी के बाद खुदा की इबादत भी करती है । मोइना बताती है कि ड्यूटी के समय रोजे रखना संभव नही होता है ऐसे में ड्यूटी से लौटने के बाद वो खुदा की इबादत भी करती है ।
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