कोरोना से जीत कर घर जाने का है इंतजार
एक आईना भारत
संवाददाता खेराज नेैण
नागौर
कॉरोना वैश्विक महामारी के संकट के दौर में राजकीय चिकित्सालय लाडनू में कुछ ही दिनों पूर्व पदस्थापित हुए ईसीजी टेक्निशियन खेमराज प्रजापत संकट की इस घड़ी में चिकित्सा सेवा में अपना योगदान अपना सौभाग्य मानते हैं। जैसा कि हम जानते हैं हृदय,कैंसर,डायबिटीज के रोगियों में कॉरोना संक्रमण की संभावना अधिक होती है उस दौरान हृदय रोगियों के निरंतर संपर्क में रहकर ईसीजी जांच कर चिकित्सा परामर्श में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। और उन रोगियों के लिए कोरोना संक्रमण से बचाव के साथ उन्हें एक नया जीवन देने से कम नहीं हैं। उनका कहना है कि 1 महीने से अधिक समय हो गया ड्यूटी ज्वाइन किए हुए और यह पहला एक ऐसा समय है जो मैं अपने परिवार से इतना दूर रहा हूं। मेरी बुजुर्ग माता जी रोज मुझे अपने से मिलने के लिए बुलाते हैं और कहते हैं कि बेटा अपना पूरा ख्याल रखना। तो मेरी मां के द्वारा कहे गए शब्द मुझे कोरोना की लड़ाई में आत्म विश्वास दिलाते हैं वैसे ही मेरी छोटी बिटिया के साथ मेरे पत्नी रोज मुझे वीडियो कॉलिंग करके मेरे से बात करते हैं और मेरी छोटी बिटिया मुझे रोज बोलती है पापा आप घर कब आओगे। रोज रोज फोन पर झूठे वादे करते हो तब मेरी आंखें और नम हो जाती है। लेकिन मैं हर पल यही समझाता हूं जल्द ही कोरोना से जीतकर आप सब से मिलने आएंगे। साथ ही खेमराज प्रजापत ने बताया कि वैश्विक महामारी में सोशियल डिस्टेंसिंग के साथ भारत सरकार के द्वारा बताए गए दिशा निर्देशों का पालन करते हुए हम सब देशवासी इस महामारी से जरूर जीतेंगे।
संवाददाता खेराज नेैण
नागौर
कोरोना से जीत कर घर जाने का है इंतजार
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कॉरोना वैश्विक महामारी के संकट के दौर में राजकीय चिकित्सालय लाडनू में कुछ ही दिनों पूर्व पदस्थापित हुए ईसीजी टेक्निशियन खेमराज प्रजापत संकट की इस घड़ी में चिकित्सा सेवा में अपना योगदान अपना सौभाग्य मानते हैं। जैसा कि हम जानते हैं हृदय,कैंसर,डायबिटीज के रोगियों में कॉरोना संक्रमण की संभावना अधिक होती है उस दौरान हृदय रोगियों के निरंतर संपर्क में रहकर ईसीजी जांच कर चिकित्सा परामर्श में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। और उन रोगियों के लिए कोरोना संक्रमण से बचाव के साथ उन्हें एक नया जीवन देने से कम नहीं हैं। उनका कहना है कि 1 महीने से अधिक समय हो गया ड्यूटी ज्वाइन किए हुए और यह पहला एक ऐसा समय है जो मैं अपने परिवार से इतना दूर रहा हूं। मेरी बुजुर्ग माता जी रोज मुझे अपने से मिलने के लिए बुलाते हैं और कहते हैं कि बेटा अपना पूरा ख्याल रखना। तो मेरी मां के द्वारा कहे गए शब्द मुझे कोरोना की लड़ाई में आत्म विश्वास दिलाते हैं वैसे ही मेरी छोटी बिटिया के साथ मेरे पत्नी रोज मुझे वीडियो कॉलिंग करके मेरे से बात करते हैं और मेरी छोटी बिटिया मुझे रोज बोलती है पापा आप घर कब आओगे। रोज रोज फोन पर झूठे वादे करते हो तब मेरी आंखें और नम हो जाती है। लेकिन मैं हर पल यही समझाता हूं जल्द ही कोरोना से जीतकर आप सब से मिलने आएंगे। साथ ही खेमराज प्रजापत ने बताया कि वैश्विक महामारी में सोशियल डिस्टेंसिंग के साथ भारत सरकार के द्वारा बताए गए दिशा निर्देशों का पालन करते हुए हम सब देशवासी इस महामारी से जरूर जीतेंगे।
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