अगवरी में बेसहारा पशुओ के कारण ग्रामीण हो रहे हैं चोटिल




एक आईना भारत

भरतसिंह राजपुरोहित अगवरी

 अगवरी में पिछले    कई महीनों से गांव की विभिन्न गलियों में घूम रहे   बेसहारा पशुओं के कारण ग्रामीण चोटिल हो रहे हैं  गांव के कई इलाकों में सांडों की लड़ाई होती है जिससे आसपास से निकलना भी लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है कल भी एक वृद्ध महिला को  चोटिल कर दिया समय रहते महिला को उपचार मिल गया नहीं तो किसी बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता लोग दुधारू गायों को भी दूध दुहने के बाद खुले में छोड़ देते हैं जिसके कारण चारे की तलाश में सांड गाय गाय के छोटे बछड़े विभिन्न मोहल्लों में घूमते हैं और लड़ाई भी करते हैं समय रहते हैं ग्राम पंचायत द्वारा पशुओं की धरपकड़ करके या तो जिन लोगों के   पशु  हैं उन तक सुपुर्द किया जाए या फिर   गांव की गोचर जमीन पर अस्थाई गौशाला बनाकर  गांव के सहयोग से  बेसहारा पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की जाए और ग्रामीणों को पाबंद किया जाए की कोई भी व्यक्ति अपने पशुओं को  गाँव  में ना छोड़े जिससे भविष्य में  दुर्घटना  ना   हो
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