सोजत रोड़ड़ कस्बे के तेरापंथ जैन भवन में संबोधित करते हुए संत कमलेश मुनि ने पत्रकारों का सम्मान करते हुए कहा कि सैनिक को तो कभी-कभी दुश्मनों से लोहा लेना पड़ता है लेकिन पत्रकारों को 24 घंटे अपने और पराए सबसे संघर्ष करना पड़ता है। पत्रकार की भूमिका सैनिक से कम नहीं आंकी जा सकती। संत बनना सरल है लेकिन सत्य को उजागर करना नंगी तलवार पर नंगे पांव चलना कठिन है ।आजादी के आंदोलन में भी पत्रकार शहीद हुए हैं
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का मुख्य आधार स्तंभ पत्रकारिता है वह जितनी निर्भीक व निष्पक्ष होगी उतना ही देश मजबूत होगा।
मुनि कमलेश ने कहा कि पत्रकारों को जो सुविधा व्यवस्था सरकार से मिलनी चाहिए वह नहीं मिल रही है। साधनों के अभाव में वह पूरा दायित्व नहीं निभा पाते हैं।
जैन संत ने बताया कि सांप्रदायिक हिंसा आतंकवाद के क्षेत्र में भूकंप या बाढ़ में जाकर पत्रकारिता करना कोई बच्चों का खेल नहीं है इनकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है
मुनि कमलेश ने बताया कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी की आर्थिक मंदी में बिना विज्ञापन के पेपर निकालना लोहे के चने चबाने से कम नहीं है ।पत्रकार और होकर बधाई के पात्र हैं जो बीमारी की परवाह न करते हुए हम तक घर बैठे सत्य से साक्षात्कार करवा रहे हैं।
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ सोजत रोड की ओर से वरिष्ठ पत्रकारों का मंत्री कुशालचंद जैन गौतम मांडोत, ललित काकलिया, सुरेश पोरवाल शाल द्वारा अभिनंदन किया 1 जून को मुनि कमलेश एवं धैर्य मुनि जी थाना छे का सोजत सिटी 7 जून तक पाली मारवाड़ पधारने की संभावना है।
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