मानव संसाधन मंत्री भारत सरकार से सकारात्मक वार्ता सम्पन्न- मोहन पुरोहित



एक आईना भारत सिरोही

@ Hitesh kumar rawal

मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, यूजीसी सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन, एनसीईआरटी के अध्यक्ष प्रोफेसर ऋषिकेश सेनापति एवं विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने साथ शिक्षा एवं शिक्षकों के विभिन्न मुद्दों को लेकर अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर जे.पी.सिंघल राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर राष्ट्रीय महामंत्री शिवानन्द सिन्दनकेरा व प्रतिनिधिमंडल ने ऑनलाइन बैठक में वार्ता की। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर जे.पी.सिंघल राष्ट्रीय मंत्री मोहन पुरोहित ने बताया कि लगभग 2 घंटे तक हुई चर्चा में के विषयों में कोरोना की बदलती परिस्थितियों में स्कूल एवं उच्च शिक्षा हेतु शैक्षणिक कैलेंडर,परीक्षा, प्रवेश और अध्यापन के बारे में नवीन दिशानिर्देश जारी करने, आईसीएमआर के दिशानिर्देशों के अनुरूप विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए कोरोना से बचाव हेतु समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराने, सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए शिक्षक-शिक्षार्थी अनुपात पर पुनर्विचार करने, शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्यों से पूर्णतया मुक्त रखने, स्ववित्तपोषित शिक्षा संस्थानों के शिक्षकों को नियमित वेतन भुगतान करने, रिफ्रेशर/ओरियंटेशन कोर्स की छूट अवधि 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाने, उच्च शिक्षा में प्राचार्य की नियुक्ति अवधि उसकी सेवानिवृत्ति तक करने‌ आदि बातें शामिल थी। महासंघ की ओर से  यूजीसी रेगुलेशन 2018 में रही विसंगतियों यथा कई राज्यों द्वारा इसे 6 महीने की अवधि में लागू नहीं किए जाने, सह आचार्य पद हेतु पीएचडी की अनिवार्यता होने, विश्वविद्यालय में सहायक आचार्य पद हेतु पीएचडी अनिवार्यता होने, अध्ययन अवकाश को पदोन्नति के लिए शिक्षण अनुभव के रूप में न गिनने, अकादमिक/रिसर्च स्कोर पद्धति की कतिपय कमियों आदि को दूर करने तथा विसंगति निवारण समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की गई । यूजीसी सचिव ने बताया की रेगुलेशन की विसंगतियों के संबंध में महासंघ द्वारा पूर्व में दिए गए प्रतिवेदन पर पूरा विचार किया गया है । विसंगति निवारण समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी है, शासकीय प्रक्रिया के कुछ चरण बाकी है। जुलाई माह में इस समिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई पूर्ण कर सार्वजनिक करने का प्रयास रहेगा । शैक्षिक महासंघ की ओर से सुझाव दिया गया कि ऑनलाइन शिक्षा को अधिक उपयोगी और रुचिकर बनाने के लिए विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। कोरोना महामारी को दृष्टिगत करते हुए सभी कक्षाओं के पाठ्यक्रम 25% तक कम करते हुए गैर शैक्षिक गतिविधियों को एक साल तक लंबित करने की सलाह भी महासंघ द्वारा दी गई। शैक्षिक महासंघ ने वार्ता में अपना यह मत भी रखा कि क्लासरूम अध्यापन का कोई विकल्प नहीं है लेकिन परिस्थितियों को देखते हुए ऑनलाइन एवं कक्षा-कक्ष अध्यापन का हाइब्रिड मॉडल अपनाया जा सकता है। मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रत्येक विषय को एक-एक करके गंभीरता से सुना तथा दीक्षा, स्वयं, निष्ठा, विद्यादान, युक्ति, स्वयंप्रभा, एनटीअभ्यास आदि सहित मंत्रालय द्वारा किए जा रहे विभिन्न नवाचारों की जानकारी दी।  उनका कहना था कि मंत्रालय बदलती हुई परिस्थितियों पर लगातार नजर रखे हुए हैं तथा शिक्षा, शिक्षार्थी और राष्ट्र के हित में निरंतर कार्य कर रहा है। उन्होंने शैक्षिक महासंघ को आश्वस्त किया कि जो बातें उनके ध्यान में लाई गई है ,उन पर अधिकारियों के साथ बैठक कर देकर शीघ्र ही सकारात्मक कार्रवाई  की जाएगी।
इस सकारात्मक वार्ता निमित्त अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ से राज्य में सम्बद्ध संगठन राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के संभाग संयुक्त मंत्री संतीश शर्मा,संभाग महिला संगठन मंत्री ऋतु भटनागर, जिला प्रवक्ता डूंगर सिंह देवड़ा जिला उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह देवड़ा तहसील अध्यक्ष भूराराम चौधरी तहसील मंत्री पर्बत सिंह देवड़ा सहित सभी पदाधिकारियो ने हर्ष व्यक्त किया है।

सादर प्रकाशनार्थ- मोहन पुरोहित राष्ट्रीय मंत्री अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ
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