जिले का प्राचीन व प्रसिद्ध व पांडवकालीन शिव मंदिर
एक आईना भारत सिरोही
कालन्द्री | निकट के वलदरा गांव से करीब पांच किलोमीटर दूर कच्चे मार्ग होकर जिले के प्रसिद्ध व प्राचीन व चमत्कारी कुमा गांव में स्थित पातालेश्वर महादेव पवित्र तीथॅ धाम तक मार्ग जाता है ।प्रकृति की गोद में चारों और हरियाली तथा खजूर के बड़े बड़े पेड़ इसकी सुन्दरता में चार चाँद लगा रहे हैं साथ ही बड़े बड़े पर्वत तथा मंदिर के आगे जल कुण्ड तथा बरसात के मौसम में झरने मन मावन रूप धारण करते हैं दूर दूर से भक्त दर्शनार्थ आते हैं। श्रावण मास में विशेषकर शिव भक्त मंदिर में अभिषेक कर मन्नत मांगते हैं ।और यहा मांगी जाने वाली मन्नतें पातालेश्वर महादेव ज़रूर पूरी करते हैं । ज्योतिष व संस्कृत के महान विद्धान धनश्याम ओझा ने बताया कि कुमा गांव का प्राचीन नाम कुरमावती नगरी था तथा शिव लिंग पर स्थित बाण पांडवकालीन हैं साथ ही शिवलिंग स्वयंभू है अर्थात स्वंम प्रकट हुई थी ।तथा यह मंदिर हजारों साल पुराना है तथा जिले के सबसे प्राचीन शिव मंदिरों में शुमार है । वलदरा गांव के युवा समाज सेवी सुरेश पुरोहित लगातार शासन और प्रशासन के सामने पातालेश्वर धाम कुमा तक वलदरा से कुमा गांव तक डामर सड़क बनाने की मांग रख रहें हैं ।मंदिर में वलदरा के भंवरलाल वैष्णव करीब चालीस साल से पूजा अर्चना कर रहे हैं ।वलदरा गांव दशरतभाई रावल ने बताया की यहाँ दर्शन करने से मन को अलौकिक शक्ति और सूकून मिलता है साथ ही इस इस धाम में अलौकिक शक्ति और भक्ति का संगम है जो लोगों को आध्यात्मिक चिंतन के लिए अपनी और आकर्षित करती हैं इस तपोभूमि पर बड़े बड़े पहाड़ और चारों ओर हरियाली तथा नदी में बहता नीर हर कोई को अपनी और आकर्षित करता है।साथ ही मंदिर के आगे स्थिर जल कुण्ड में अकाल के समय में भी जल हमारे उपलब्ध रहता है ।
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