अबकी बार अच्छी बारिश नहीं होने से किसान मायुस

तीन वर्ष से जवाई नदी में पानी का बहाव नही होने से सुखने लगे  कृषि कुओ व ट्युबेल अबकी बार अच्छी बारिश नहीं होने से किसान मायुस
एक आईना भारत 
उम्मेदपुर (विक्रमसिंह बालोत) आहोर तहसिल की जीवन रेखा मानी जाने वाली जवाई नदी के पिछले तीन साल सुखी रहने के कारण इसके आस- पास के गांवों में  कुओ का जलस्तर निचे जाने से कुऐ सूखने लगे हैं।  जिसका सीधा असर अब खेती करने वाले किसानों पर पडने लगा है।जवाई नदी किनारे बसे  आस पास के गांवों के हरे भरे खेत लहलहाते थे।कुओं में झांकते ही पानी दिखाई देता था, लेकिन जैसे जैसे जवाई नदी सुखाती गई खेतों में फसल का उत्पादन डूबता गया यानी की गिरता गया। इस नदी में वर्ष 1990 मे यह नदी पुरे वेग के साथ लगभग चार महीने से ज्यादा चली थी,  जिससे कुओं का पानी ऊपर तक आ गया था। इसके बाद इस नदी में वर्ष 2006 मे जवाई नदी उफान पर आई थी जिससे कुऐ रिचार्ज हुए थे ।फिर 2017मे जवाईबांध  में पचास फिट पानी आने पर जनप्रतिनिधीयो ने जवाई बांध की फाटक खोलने की खुब कोशिश की लेकिन पाली वाले जनप्रतिनिधीयो के सामने फाटक खुलवाने में असफल रहे जब जवाई बांध फुल होने पर एक साथ फाटक खोलने से जवाई नदी उफान पर आई थी तो जालोर जिले में तबाही मचा दी थी।डोडियाली ग्रामपंचायत के पचानवा गांव व उम्मेदपुर के किसानों के खेतों को बंजर बनाए अगर यही जवाई- बाध से  पानी धिरे- धिरे छोड़ा होता तो जवाई नदी लम्बे समय तक बहती किसानो के कुऐ भी रिचार्ज हो जाते अब  अच्छी बारिश नहीं होने से जवाई नदी में पानी का बहाव नहीं होने से इस नदी के आस पास स्थित कृषि कुओं के तल दिखाई देने लग गए है, जो बारिश के दिनों मे इस नदी में पानी का बहाव होने पर ही कुओ का रिचार्ज हो पाते हैं।  खास बात यह है कि जवाई बांध की भराव क्षमता 62 फिट से अधिक है।ऐसे मे यह  बहुत कम बार ही संभव हो पाता है कि जब मानसुन की  बारिश जवाई बांध के ऊपर अरावली की पहाडियो में अच्छी बारिश होने के दौरान बांध लबालब हो जाए, लेकिन बारिश नहीं होने से  जवाई नदी आने से कृषि कुओं की हालत दिन ही खराब होती जा रही है और भू-जलस्तर गिरता ही जा रहा है। जब जवाई बांध भर जाने पर ही जवाई नदी  मे पानी छोड़ा जाता है।कई बार किसानों ने जवाई नदी में जवाई बांध में पानी  आने पर फाटक खुलवाने की कोशिश करते हैं लेकिन जनप्रतिनिधीयो का साथ नहीं मिलने से असफल रहते हैं ।
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