फागाेतरा गांव का मामला:दाे रिश्ते के भाइयाें ने लाखाें रुपए मिलने के लालच में अवैध शराब ब्रांच के संचालक की चाकू मारकर की हत्या


 झाब थाना क्षेत्र के फागाेतरा गांव में करीब 2 महीने पहले अवैध शराब ब्रांच के संचालक भीखसिंह राजपूत की लूट के इरादे से हुई हत्या की गुत्थी सुलझ गई है। दाे रिश्ते के भाइयाें ने लाखाें रुपए लूटने के इरादे से उसकी हत्या कर उसके पास से 7500 रुपए लूटकर फरार हाे गए थे।

इस मामले में माैके पर काेई सबूत, गवाह नहीं हाेने के कारण पुलिस काे ब्लाइंड मर्डर काे खाेलने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। गुरुवार काे पुलिस ने इस मामले के एक आराेपी सुरेश पुत्र मांगीलाल निवासी खासरवी सरनाऊ काे गिरफ्तार कर लिया है।

दूसरे आराेपी सुरेश पुत्र किशनाराम विश्नोई निवासी राेहला की तलाश की जा रही है। एसपी श्यामसिंह चाैधरी ने बताया कि 8 जुलाई काे अज्ञात लाेगाें ने अवैध शराब ब्रांच के संचालक भीखसिंह की हत्या हाे गई थी। इस मामले का राज खाेलने के लिए सांचाैर एएसपी दशरथसिंह, डीएसपी वीरेंद्रसिंह के निर्देशन में सीआई गिरधरसिंह, झाब थानाप्रभारी अनु चाैधरी, एसआई किरण कुमार की अगुवाई में विशेष पुलिस दल का गठन किया।

टीम के शामिल सदस्यों ने दाे महीने तक पूरे मामले की गहनता से पड़ताल की। साथ ही आवश्यक साक्ष्य जुटाए। इस मामले में आराेपी सुरेश पुत्र मांगीलाल निवासी खासरवी सरनाऊ काे गिरफ्तार कर लिया। दूसरे की तलाश जारी है।

आराेपी ने सांचाैर से चाकू खरीदकर वारदात के एक दिन पहले भी हत्या करने की नीयत से बाइक पर पहुंचे थे, मगर उस दिन माैका नहीं मिलने पर वे पानी की बोतलें खरीदकर चले गए थे। दूसरे दिन वास बीयर की बोतलें खरीदी। एक ताे माैके पर ही पी। बाद में हत्या कर फरार हाे गए थे।

दोनों आरोपियों ने शातिराना तरीके से की वारदात

पीने के पानी की दाे बोतलें खरीदी मृतक से कहा कि वे कल आएंगे तब बीयर पीयेंगे। उस दिन भी नीयत खराब थी, मगर वे चले गए। घटना के दिन 8 जुलाई काे दाेनाें युवक 2000 रुपए लेकर पहुंचे। दाे बीयर खरीदी, एक बाेतल पीने के बाद एक युवक ने ब्रांच में घुसकर संचालक काे अकेला देखकर हत्या कर दी।

शराब का काराेबार, लाखाें मिलने की उम्मीद से मारा
आराेपी ने पुलिस काे प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि शराब का अवैध काराेबार हाेने के कारण उसे लाखाें रुपए उसके पास हाेने की उम्मीद थी। इसी के चलते वे 2 से 3 महीने तक उस पर नजर रखे हुए थे। वे बार-बार फागाेतरा जाकर भी आ रहे थे, मगर माैका नहीं मिल पा रहा था। 8 जुलाई काे उन्होंने ऐसे वक्त काे ही चुना, जब उसकी दुकान पर काेई नहीं हाे, हत्या करने के बाद उसका ठिकाना तथा जेबें टटाेली ताे मात्र 7500 रुपए ही मिले।

यूं खुला राज... ब्लांइड मर्डर था, माैके पर सबूत तक नहीं, काेई गवाह नहीं, अधिकारियों का अनुभव काम आया, साइबर तकनीक भी कारगर रही

झाब थाना पुलिस के लिए यह हत्याकांड चुनाैती भरा था। इसकी गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस के पास कुछ नहीं था। एकांत में हत्या, पूरी तरह से आरोपियों के बारे में अनजान, माैके पर काेई सबूत ही नहीं हाेना, काेई गवाह नहीं, मृतक की किसी से दुश्मनी नहीं हाेना, उसके परिवार के सदस्यों की पृष्ठभूमि में भी ऐसा काेई क्लू नहीं कि जिससे आरोपियों के बारे में काेई सुराग मिल सके, मगर इस मामले काे खाेलने के लिए पुलिस अधिकारियों का अनुभव काम आया। टीम में शामिल सदस्यों के लिए साइबर तकनीक भी कारगर रही।

आखिर में माेबाइल टाॅवराें में संदेह के दायरे में आए माेबाइल नंबराें के आधार पर शक की सुई सरनाऊ निवासी सुरेश पुत्र मांगीलाल विश्नोई पर घूमी। पूछताछ के बाद उसने सच उगल दिया। यह हत्या उसने तथा उसके रिश्ते में भाई सुरेश पुत्र किशनाराम निवासी राेहला ने मिलकर अंजाम दिया।

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