बाड़मेर :- माननीय राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस थाना गिड़ा, जिला बाड़मेर मे आरटीआई कार्यकर्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता थानराज करेला के खिलाफ दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट सं. 202/2020 अन्तर्गत धारा 384, 406, 419, 420 भारतीय दण्ड संहित मे राजस्थान उच्च न्यायालय ने थानराज कि गिरफ्तार पर रोक लगा दी। गौरतलब हो कि पुलिस थाना गिड़ा मे थानराज करेला निवासी ग्राम पंचायत खारड़ा भारतसिंह पर अधिवक्ता श्री नरपत पूनड़ द्वारा एक एफआईआर सं. 202/2020 दिनांक 27.09.2020 को दर्ज करवा कर आरोप लागाये कि थानराज पर एफआईआर दर्ज करवाने कि दिनांक से 8 करीब माह पूर्व परिवादी से पत्रिका निकालने के लिये अधिवक्ता मोहनलाल के सामने रुपये लिये व बाद मे कोई पत्रिका नही निकाली व न ही कोई प्रति प्रार्थी को भेजी। दूसरा आरोप था कि थानराज करेला ने दिनांक 11.09.2020 को दिन मे 4 बजे उसके सामने तहसीलदार गिड़ा शिवजीराज बावरी को धमकाया व पैसे मांगे अन्यथा बदनाम करने कि धमकियां दी। तीसरा आरोप लगाया कि उसने फोन पर प्रार्थी को देख लेने कि धमकिंया दी व चैथा आरोप था कि थानराज करेला ने अपने ट्रूकाॅलर आई डी पर एडवोकेट के लोगो का इस्तेमाल कर अधिवक्ताओं के सम्मान को ठेस पहूंचायी।
आरोपी थानराज करेला की और से बहस करते हुऐ अधिवक्ता श्री विपुल सिंघवी ने माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय को अवगत करवाया कि थानराज करेला एक इलेक्टेड व सर्व सम्मानित जनप्रतिनिधी है तथा तहसीलदार ने प्रार्थी के आरोपों के अनुसार थानराज करेला के खिलाफ कोई शिकायत या एफआईआर दर्ज नही करवाई है। 2100 रुपये लेन देन करने के प्रार्थी के पास कोई सबूत नही है। प्रार्थी को धमकियां देने के बिन्दु पर कोर्ट को बताया कि यह गलत है कि थानराज करेला ने अधिवक्ता श्री नरपत पूनड़ को धमकियां दी है बल्कि नरपत पूनड़ द्वारा ही थानराज करेला को धमकिंया दी गई जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट पुलिस थाना गिड़ा मे तुरंत दे दी गई लेकिन पुलिस थानाधिकारी ने भंवरलाल जवेलिया द्वारा कोई कार्यवाही नही की व न ही थानराज करेला की एफआईआर दर्ज की गई।
थानराज करेला के अधिवक्ता श्री विपुल सिंघवी ने ट्रूकाॅलर पर एडवोकेट के लोगो लगाने के बिन्दु पर माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय को बहस मे बताया कि ट्रूकाॅलर एक विदेशी ऐप्पलिकेशन है जिसमे कोई भी हैकर व्यक्ति किसी भी व्यक्ति कि एलेक्ट्रोनिक ट्रूकोलर आईडी से छेड़छाड़ कर सकता है व यह एक असुरक्षित एप्प है जिसके चलते भारत सरकार ने इस एप्प को भारत मे बैन कर दिया है तथा थानराज ने ऐसा कोई कार्य नही किया है। अगर कोई व्यक्ति एैसा कृत्य करता है तो उसके खिलाफ बार काउंसिल आॅफ इंडिया कार्यवाही कर सकती है व उसके खिलाफ एडवोकेसी एक्ट के तहत कार्यवाही अमल मे लायी जा सकती है।
थानराज करेला की तरफ से अधिवक्ता श्री विपुल सिंघवी, श्री देवेन्द्र सिंह राठौड़ व हिमांशु पारीक ने बहस की तथा माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों कि बहस को सुनकर माननीय न्यायमूर्ती श्री देवेन्द्र कच्छवाह ने आदेश पारित करते हुऐ आरोपी थानराज करेला कि गिरफ्तारी पर स्टे लगा कर रोक लगा दी तथा पुलिस थानाधिकारी भंवराराम जवेलियां के खिलाफ थानराज करेला द्वारा की गई शिकायत रेकर्ड पर मौजूद होने व उसकी एफआईआर दर्ज नही करने के मामले मे थानराज करेला पुलिस के उच्चाधिकारियों को रिप्रजेंटेशन दे तथा उच्चाधिकारी इस मामले की जांच करें।
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