शास्त्रों में मिट्टी के दीपक की रोशनी को माना सुख, समृद्धि और स्फूर्ति का प्रतीक
चाइना सामान का बहिष्कार करने से देश हित मे मिलेगा बढावा - देवी ममता
देवी ममता ने कुम्भकार के घर जाकर बनाये मिट्टी के दीपक
एक आइना भारत / नागौर
भागवत सेवा प्रकल्प ट्रस्ट ने दीपावली के त्यौंहार को देखते हुए चाइना सामान का बहिष्कार व स्वदेशी अपनाओ अभियान को बढावा दिया।
कथा मीडिया प्रभारी कंचन पंचारिया ने बताया कि प्रसिद्ध कथा वाचिका देवी ममता ने कुम्भकार के घर जाकर मिट्टी के दीपक बनाकर व कुम्भकार को कठिन मेहनत से दीपक बनाते हुए देख सभी को यह संदेश देना चाहा कि चाइना सामान का बहिष्कार कर देशहित में बढावा मिले इसलिए स्वदेशी सामान का उपयोग करे।
भारतीय परम्परा में मिट्टी को सबसे पवित्र माना गया है। मिट्टी के दीपक जलाकर विधि-विधान से लक्ष्मी की पुजा करना शास्त्रों में शुभ माना जाता है। लक्ष्मी पुजा में मिट्टी के दीपक की महत्ता बताई है। मिट्टी के दीपक जलाने से शौर्य और पराक्रम में वृद्धि होती है और परिवार में सुख, शान्ति और समृद्धि का वास होता है।
देवी ममता ने कहा कि दीपावली के दिन चाइना मोम, लाईट व अन्य प्रकार के सामान का उपयोग न कर पुरे देश में मिट्टी के दीपक जलाकर कुम्भकारों के उम्मीद का दिया भी जलायें। देशहित में मिट्टी के दीपक जलाकर देश के लघु उद्योगों को उजागर करें। अपने देश की संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु इस दीपावली अपने घर व कार्यालय को सजाने के लिए चाइना सामान का इस्तेमाल न करे। लक्ष्मी पूजा में भी स्वदेशी सामान का उपयोग करे। चीन हमारे हर त्यौंहार पर अपना सामान बेचता है जिससे भारत में लघु उद्योग को नुकसान उठाना पड़ता है।
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