प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रचार-प्रसार के लिए किसान गोष्ठियों का आयोजन
जालोर ( श्रवण कुमार ) जालोर जिले में कृषकों को जागरूक करने हेतु जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत किसान संगोष्ठियों का आयोजन कर फसल बीमा के फायदे, विभिन्न जोखिमों पर विस्तार से चर्चा की गई। कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. आर.बी.सिंह ने बताया कि जालोर जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत गेहूॅ, सरसों, चना, तारामीरा, जीरा एवं ईसबगोल की फसलें पटवार मण्डल अथवा तहसील स्तर पर अधिसूचित हैं। गेहूँ सरसों, चना, तारामीरा की फसल में 1.5 प्रतिशत बीमा की प्रीमियम राशि एवं जीरा तथा ईसबगोल की फसल में 5 प्रतिशत बीमा की प्रीमियम राशि कृषकों को वहन करना होता हैं। इस प्रकार जालोर जिले में टमाटर और प्याज की फसल पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजनान्तर्गत अधिसूचित है। प्याज की बीमित राशि रू. 60000 प्रति हैक्टर तथा कृषक द्वारा देय प्रीमियम राशि 5 प्रतिशत (300 रू.) एवं टमाटर फसल बीमित राशि रू. 80000 प्रति हैक्टर तथा कृषक द्वारा देय प्रीमियम राशि 5 प्रतिशत (400 रू.) निर्धारित हैं। उन्होने बताया कि कृषक जागरूकता अभियान के तहत कृषि विभाग के कृषि पर्यवेक्षकों एवं सहायक कृषि अधिकारियों द्वारा जिले की विभिन्न ग्राम पंचायत मुख्यालयों यथा नारणावास, रामा, चूरा, तालियाना, रैवत, भवरानी, पादरली, भागली सिंधलान, नोसरा, भुण्डवा, मडगांव, सिवना, रायथल आदि स्थानां पर सोमवार को किसान गोष्ठियों का आयोजन किया गया। इसी प्रकार जालोर जिले के अधिकृत बीमा कम्पनी बजाज एलायन्ज जनरल इंश्योरेंस द्वारा 4 बीमा प्रचार रथों के माध्यम से जिले की 12 ग्राम पंचायतों में 50 गांवों में लघुगोष्ठियों का आयोजन कर कृषकों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति जागरूक किया गया। जिले में अब तक 28164 कृषकों का पंजीयन बीमा के लिए जिसमें 2022 कृषक गैर ़ऋणी श्रेणी में पंजीकृत हुये है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत बीमा करवाने की अन्तिम तिथि 15 दिसम्बर 2020 हैं, उसके पश्चात् रबी 2020-21 हेतु बीमा करवाया जाना सम्भव नहीं है। उन्होने बताया कि खरीफ 2020 में जिन कृषकों ने ई-मित्र ;ब्ैब्द्ध के माध्यम से गैर ऋणी कृषक के रूप में अपना बीमा करवाया था, उनमें से कुछ कृषकों के बीमा में आपत्ति होने के कारण पॉलिसी आपत्ति निराकरण हेतु पुनः संबंधित ई-मित्र को प्रेषित की गई हैं। ऐसे कृषकों को उनके पंजीकृत मोबाईल नम्बर पर भी सूचना दी जा रही हैं। कृषकों से अनुरोध है कि वे अपने ई-मित्र/जन सेवा केन्द्र पर सम्पर्क कर अपनी बीमित पॉलिसी में दर्ज आपत्ति का निराकरण करावें।