#News सिखों के सानिध्य में गुरू नानक जयंती मनाई

सिखों के सानिध्य में गुरू नानक जयंती मनाई
पंजाब से आये सिख भक्तों ने गुरूवाणी से कार्यक्रम की शुरूआत की

सभी धर्म के भक्तों हेतु गुरू शरणसिंह भटसिख द्वारा लंगर प्रसादी की व्यवस्था की गई

ईश्वर एक है, ईश्वर की आराधना करो, ईश्वर सब जगह है - महामण्डलेश्वर

एक आइना भारत / नागौर

विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय में कार्तिक पूर्णिमा के दिन 'सिख' धर्म के प्रथम धर्मगुरू नानक देव का 551 वां जन्मोत्सव महामण्डलेश्वर स्वामी कुशालगिरी महाराज, प्रसिद्ध कथा वाचिका देवी ममता, पंजाब से आये संत इन्द्रजीतसिंह, संत गोविन्दराम महाराज एवं अनेक सिख व अन्य धर्म के भाक्तों के सानिध्य में मनाया गया।
   गो चिकित्सालय की व्यवस्थापक श्रवणराम बिश्नोई ने बताया कि गो चिकित्सालय में महामण्डलेश्वर के सानिध्य में गुरू नानक देव के चित्रपट्ट के समक्ष पुष्पमाला पहनाकर गुरू सरणसिंह द्वारा अरदास कर सिख ग्रन्थ का प्रकाशन कर गुरुवाणी का पाठ किया गया।       
                   महामण्डलेश्वर ने गुरु नानक देव के जीवन के बारे में बताते हुए कहा की ईश्वर एक है, ईश्वर की आराधना करो, ईश्वर सब जगह है। गुरू नानक ने कुछ ऐसे चमत्कारिक कार्य किए जिसके चलते लोगों ने उन्हे विशेष और दिव्य व्यक्ति माना है, नानक ने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा में लगा दिया, इन्होने अपने जीवन काल में एक समाज सुधारक और धर्म सुधारक के रूप में कई कार्य किए, समाज मै फैली हुई बुराईयों को दुर करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आपस में प्रेम की भावना जाग्रत करने के लिए कई काम किए। 
            गुरू नानक देव ने जात-पांत को समाप्त करने और सभी को समान दृष्टि से देखने की दिशा में कदम उठाते हुए 'लंगर' की प्रथा शुरू की थी। लंगर में सब छोटे-बड़े, अमीर-गरीब एक ही पंक्ति में बैठकर भोजन करते है। आज भी गुरूद्वारों में उसी लंगर की व्यवस्था चल रही है। विश्व स्तरीय गो चिकित्सायल में गुरू नानक देव की इस प्रथा को चलाते हुए लुधियाना सिटी के गुरू शरणसिंह भाटसिख ने लंगर (भण्डारा) लगाया जिसमें दिनभर में हजारो की संख्या में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इसमें सेवा और भक्ति का भाव मुख्य था।
                        इस दौरान पंजाब से गुरूमितसिंह, गुरूहिन्दूसिंह, बतवीरसिंह, गुरूमिलसिंह, जगदीशसिंह, बुटासिंह, मनप्रीतसिंह, मनदिलसिंह, हिसार से उम्मेदसिंह सोनी, सुभाष सोनी, शान्ति देवी, विलमा देवी, जितेन्द्र यादव, गंगानगर से राहुल डुडी शंकर डुडी, जोधपुर से रमेश माहेश्वरी, हरलाल बिश्नोई, कंचन, अंजु, सुगन, अनिशा, मानसी, देवेन्द्र राणा एवं इत्यादि बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित थे।
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