बाबा साहब के विचारों से लाखों को मिलती है प्रेरणा, पुण्यतिथि पर भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा दी गई श्रद्धांजलि
एक आईना भारत / नागौर
प्रकाश इंदलिया
भारतीय संविधान के रचयिता और समाज सुधारक डॉ. भीम राव अंबेडकर की आज 6 दिसंबर पुण्यतिथि है। राष्ट्र आज बाबा साहब की पुण्यतिथि मना रहा है। 6 दिसंबर, 1956 को बाबा साहब का निधन हुआ था। उनका जन्म 14, अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव महू में हुआ था। संविधान निर्माता बाबा साहब की पुण्यतिथि पर रविवार को नागौर शहर समेत विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर श्रद्धांजलि दी गई।
भारतीय दलित साहित्य अकादमी के प्रदेश प्रचार मंत्री दिनेश रावल ने डाॅ. भीमराव अम्बेडकर के चित्रपट्ट के समक्ष माल्यार्पण कर 64 वीं पुण्यतिथि पर याद किया। इस दौरान रावल ने कहा कि बाबा साहेब देशभक्त, राष्ट्रवादी और मानवतावादी पुरूष थे जिनके लिए गरीबों और दलितों का उत्थान किया, बाबा साहेब एक भारतीय न्यायविद्, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे जिन्होंने अछूतों,दलितो, के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया और महिलाओं और श्रमिकों के अधिकारों का समर्थन किया, वर्ष 1990 में उनकों देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
बाबा साहब का पूरा जीवन देश सेवा को समर्पित था। उन्होंने अपना पूरा जीवन दलित वर्ग को समाज में समानता दिलाने के लिए संघर्ष में लगा दिया। उनके विचारों ने लाखों लोगों को प्रेरित किया। उनका स्पष्ट कहना था कि शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो। यह स्वतंत्रता हमें अपनी सामाजिक व्यवस्था को सुधारने के लिए मिली है। भारत रत्न डा.भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि रविवार को महावीर सिटी, नागौर में मनायी गयी।
इस अवसर पर चोथाराम मेघवाल, हरिराम मेघवाल, करणाराम मेघवाल, हरिराम मेघवाल, मुकेश सागर, दिनेश पंवार, धन्नाराम मेघवाल, दुर्गाराम मेघवाल, भीकाराम मेघवाल, भंवरलाल मेघवाल, गणेश मेघवाल, सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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