कामधेनु सेना ने मनाई छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती

कामधेनु सेना ने मनाई छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती

शिवाजी को उनकी बहादुरी और रणनीतियों के लिए जाना जाता है-सेन

नागौर। कामधेनु सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रवण सैन ने कामधेनु सेना राष्ट्रीय कार्यालय में आज परम पराक्रमी छत्रपति षिवाजी महाराज के चित्रपट्ट पर तिलक करते हुए पुष्पमाला पहनाकर शिवाजी महाराज की जयंती मनाई। 
राष्ट्रीय अध्यक्ष सैन ने कहा कि छत्रपती शिवाजी महाराज भारत के एक महान राजा एवं रणनीतिकार थे जिन्होंने पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने कई वर्ष औरंगजेब के मुगल साम्राज्य से संघर्ष किया। रायगढ़ में उनका राज्यभिषेक हुआ और वह 'छत्रपति' बने। छत्रपती शिवाजी महाराज ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों कि सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया। उन्होंने समर-विद्या में अनेक नवाचार किये तथा छापामार युद्ध की नयी शैली विकसित की। उन्होंने प्राचीन हिन्दू राजनीतिक प्रथाओं तथा दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित किया और फारसी के स्थान पर मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया। भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में बहुत से लोगों ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेकर भारत की स्वतन्त्रता के लिये अपना तन, मन, धन न्यौछावर कर दिया। 
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि छत्रपति शिवाजी भारत के बहादुर शासकों में से एक थे। छत्रपति शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 को  शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। मराठा साम्राज्य की नींव रखने का श्रेय छत्रपति शिवाजी को जाता है। छत्रपति शिवाजी की जयंती को शिव जयंती और शिवाजी जयंती भी कहते हैं। महाराष्ट्र में शिवाजी जयंती पारंपरिक तरीके से मनाई जाती है। 
इस मौके पर कामधेनु सेना के नागौर तहसील अध्यक्ष राजूराम काला, रामूराम जांगू, आशाराम सियोल, रमेश गौड़, भेराराम बाना, प्रेमाराम भाम्बू, मनोहर डूडी, जीताराम पुनिया, अशोक प्रजापत सहित बड़ी संख्या में गो सैनिक उपस्थित थे।
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