कोटखावदा में किसान महापंचायत में जुटे हजारों की संख्या में लोग
किसान की कोई जाति नहीं, खून के आंसू रो रहा हैं देश का किसान-:पायलट
एक आईना भारत
चाकसू/अशोक प्रजापत:- चाकसू उपखंड क्षेत्र के कोटखावदा में किसान महापंचायत का आयोजन हुआ। पायलट ने कहा कि " देश का किसान खून के आंसू रो रहा है। लेकिन दिल्ली की सरकार में किसान की कोई सुनने वाला नहीं है। हमें केद्र के खिलाफ लड़ना होगा। किसान को सहानुभूति नहीं सहयोग चाहिए। संसद के बाहर और भीतर कांग्रेस पार्टी ने प्रण लिया है कि हम सब मजबूती से किसान के हक की लड़ाई लड़ेंगे। हम गांधीवादी तरीके से संघर्ष करेंगे। तीनों कृषि कानून किसान और मध्यम वर्ग के विरोधी है।
केंद्र सरकार के काले कृषि कानूनों के खिलाफ चाकसू के कोटखावदा में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए यह बात पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कही। इस दौरान पायलट ने कहा कि इस महापंचायत के माध्यम से हम केंद्र को चुनौती देना चाहते हैं कि हम केंद्र की तानाशाही के खिलाफ मजबूती से लड़ेंगे, किसान और नौजवान आज एक साथ खड़े हैं।
महापंचायत में हजारों की संख्या में किसान पुरुष, महिलाओं व नौजवानों ने भाग लिया। मंच पर पायलट समेत 17 विधायक मौजूद रहे, वहीं विधायक प्रशांत बैरवा और वीरेंद्र सिंह की मौजूदगी ने सबको चौंकाया।
किसान की कोई जाति नही
महापंचायत को संबोधित करते हुए पायलट ने कहा कि अन्न पैदा करने वाले अन्नदाता किसान की कोई जाति नहीं होती है। किसान सबका है। जाति के नाम पर किसानों को बांटने की साजिश चल रही है। दिल्ली की सरहद पर आंदोलन करते हुए जो शहीद हुए हैं वे हमारे ही भाई हैं। दिल्ली में बैरीकेड लगा दिए। कीलें लगा दीं। हम भी मानने वाले नहीं हैं, केंद्र को तीनों कानून वापस लेने ही पड़ेंगे।
काले कानून वापस ले केंद्र सरकार
पायलट ने कहा कि- हम महापंचायत में तीन प्रस्ताव रख रहे हैं। केंद्र तीन कृषि कानूनों को तत्काल वापस ले। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए कानून बनाए और पूरी फसल एमएसपी पर खरीदी जाए। भाजपा के शासन में पेट्रोल डीजल और गैस के दाम आसमान छू रहे हैं। इनके दाम कम किए जाएं। केंद्र महांपचायत में पारित इन तीनों प्रस्तावों पर गौर करे। केंद्र के खिलाफ आगे भी महांपचायतें जारी रहेंगी।
विधायक प्रशांत बैरवा, वीरेंद्र सिंह की मौजूदगी ने चौंकाया
महांपचायत के मंच पर उनके समर्थन वाले 15 विधायक भी पहुंचे। इसमें दो विधायकों की मौजूदगी ने सबको चौंकाया। बगावत के वक्त साथ छोड़ने वाले निवाई विधायक प्रशांत बैरवा और पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नारायण सिंह के पुत्र और दांतारामगढ से विधायक वीरेंद्र सिंह महापंचायत में पहुंचे। दोनों मंच पर रहे। प्रशांत बैरवा से महापंचायत के आखिर में धन्यवाद भाषण दिलवाया गया। प्रशांत बैरवा के सभा में पहुंचने पर पायलट समर्थकों ने हालांकि उनके खिलाफ नारेबाजी और हूटिंग शुरू कर दी थी। बाद में विधायक इंद्राज गुर्जर ने समर्थकों को शांत करवाया।
शुरुआत में प्रशांत बैरवा पहले सचिन पायलट के ही साथ थे लेकिन जुलाई में बगावत के वक्त गहलोत खेमे में चले गए थे। बाड़ेबंदी में भी वे गहलोत के साथ थे। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रशांत बैरवा गहलोत खेमा छोड़कर वापस पायलट के साथ आ गए हैं। वीरेंद्र सिंह की मौजूदगी भी चौंकाने वाली है। हांलाकि, वीरेंद्र सिंह की सहानुभूति पहले भी पायलट के साथ ही थी।
विधायक विश्वेंद्र सिंह का गहलोत पर निशाना
महापंचायत को संबोधित करते हुए विधायक विश्वेंद्र सिंह ने कहा, "पहले हमारी 99 सीट आईं, फिर 101 हो गईं। मेहनत कोई करे.... विश्वेंद्र सिंह के इतना कहते ही पूरी महापंचायत में तालियां और पायलट के समर्थन में नारेबाजी होने लगी। लोगों ने जमकर नारेबाजी की। इस पर विश्वेंद्र सिंह ने कहा, आप मेरे से ज्यादा होशियार हैं। मैं आपको क्या भाषण दूं। विश्वेंद्र सिंह मेहनत कोई करे...कहकर रुक गए, लेकिन इसमें सब कुछ कह गए। पायलट समर्थक भी समझ गए और जनता भी। फिर उन्होंने कहा कि राहुल गांधी आगाज करके गए हैं तो पायलट की यह रैली नहीं रैला है।
पायलट समर्थक 16 विधायक रहे मौजूद
महापंचायत में पायलट समर्थक विधायक विश्वेंद्र सिंह, हेमाराम चौधरी, मुरारीलाल मीणा, बृजेंद्र सिंह ओला, रमेश मीणा, हरीश मीणा, जीआर खटाणा, इंद्राज गुर्जर, राकेश पारीक, अमर सिंह जाटव, सुरेश मोदी, मुकेश भाकर, पीआर मीणा व चाकसू विधायक मौजूद रहे। वहीं पायलट समर्थक विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत, रामनिवास गावड़िया और भंवरलाल शर्मा महापंचायत में नहीं आए। बताया जाता है कि शेखावत बीमार होने के कारण और रामनिवास गावड़िया पारिवारिक वजह से नहीं आ पाए।
राहुल गांधी की सभा के समान भीड़
महापंचायत में आई भीड़ की तुलना राहुल गांधी की सभाओं से की गई। बिना किसी पद के नेता के हिसाब से पायलट की महापंचायत को बड़ा पॉलिटिकल शो बताया जा रहा है। पायलट ने जहां एक ओर मजबूत जमीनी पकड से हाईकमान तक मैसेज पहुंचाया हैं, वहीं समर्थक विधायकों को एकसाथ मंच पर बैठाकर गहलोत गुट को संदेश दे दिया हैं कि हम जमीनी पकड वाले नेता है।
हजारों की संख्या पहुंचे लोग: हरषाना
किसान महापंचायत के संयोजक किसान नेता शिवप्रताप हरषाना ने बताया कि महापंचायत में 80 से 90 हजार लोग पहुंचे। महापंचायत में चाकसू समेत टोंक, सवाईमाधोपुर, बांदीकुई, दौसा, सीकर, अजमेर, इलाकों से भी किसान पहुंचे।
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