पाली शहर में चल रही जल प्रदूषण अवैध फैक्ट्रियां।




एक आईना भारत

पाली शहर में चल रही जल प्रदूषण अवैध फैक्ट्रियां।

फरवरी पाली सिटी गुप्ता ने गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार में पाली की विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों के पदाधिकारियों को कहा कि जल प्रदूषण की समस्यां के समाधान के लिए एनजीटी के निर्देशों की पूर्ण पालना करना अतिआवश्यक है। पाली में नदी व सड़कों पर कैमिकलयुक्त पानी छोडने वाली इकाईयों के विरूद्ध ठोस कार्यवाही करने के साथ ही अवैध रूप से संचालित इकाईयों के खिलाफ 72 घंटे के भीतर  कार्यवाही होनी जरूरी है। इसके लिए आवश्यक होने पर जयपुर मण्डल से फोन पर वार्ता कर रिपोर्ट मंगवाकर निर्धारित समय पर कार्यवाही की जाए ताकि अवैध इकाईयों के संचालनकर्ताओं को दण्ड़ित किया जा सके। उन्होंने कहा कि जो गलती करता है उसको समय पर सजा नहीं मिलती है तो अवैध कार्यो को बल मिलता है। 
उन्होंने कहा कि किसी भी कलस्टर या ग्रुप का विकास बाधित नहीं हो इस दिशा में बोर्ड कार्य कर रहा है। बोर्ड स्तर पर लम्बित सभी शिकायतों का समाधान हो रहा है फिर भी कहीं कोई दिक्कत हो तो बोर्ड को जानकारी देकर समस्याओं का समाधान करवाया जा सकता है। उन्होंने पाली में स्काडा सिस्टम की तारिफ करते हुए कहा कि सीईटीपी प्लांटों के अपग्रेडेशन का कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण करवाने की व्यवस्था करे ताकि राज्य व पाली की छवी बनी रहे। उन्होंने कहा कि कपड़ा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा 50 करोड़ रुपयें की सहायता राशि दी गई है। अतिरिक्त सहायता के लिए बोर्ड की और से प्रयास किए जाएंगे। पर यह तभी संभव है जब निर्देशानुसार व ईमानदारी के साथ जल प्रदूषण समस्यां के समाधान हो। केन्द्र सरकार योजना में अगर 50 प्रतिशत का संशोधन करती है तो इकाईयों को फायदा हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरल ऋण बैंक व वित्तीय संस्थाओं द्वारा दिया जाता है तो औद्योगिक इकाईयों को आगे आना होगा। 
व्यापारियों की केएलडी स्थानांतरण की मांग के संबंध में उन्होंने कहा कि ऐसी मांग जोधपुर, बालोतरा आदि स्थानों से सामने नहीं आई है। इसमें विभिन्नताएं पाई गई है। जिस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। पूर्व न्यायाधिपति प्रकाश टाटिया द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद इस संबंध में आगे कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि छोटे उद्यमियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है पर मंजील तक पहुंचना भी जरूरी है। उन्होंने बांगड़ अस्पताल के सीवरेज के पानी को वहीं पर ट्रीट कर एसटीपी से जोड़ने के निर्देश दिए।  
जिला कलक्टर अंश दीप ने जल प्रदूषण की रोकथाम के लिए एनजीटी के निर्देशों के अनुरूप् की जा रही कार्यवाही की जानकारी देते हुए बताया कि रसायन युक्त पानी नदी व सड़कों पर छोडने वालों के विरूद्ध जो कमेटियों का गठन कर निगरानी रखी जा रही है। साथ ही परिवहन विभाग की टीम द्वारा निरंतर टैंकरों की जांच की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही ईमेल व फोन नम्बर पर भी लोगों से शिकायतें मिलने पर टीमें भिजवाकर कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि नगर परिषद के नालों में केमिकलयुक्त पानी मिलकर आ रहा है जिसके लिए नगर परिषद को नाले में गिर रही नालियों की पहचान कर उनमें प्रदूषित पानी छोडने वाली इकाईयों को चिन्हित करने के निर्देश दिए है। सीईटीपी व अन्य स्थानों से लिए गए सैम्पल की जांच में पन्द्रह दिन का समय लगता है जिससे कार्यवाही में विलम्ब हो रहा है। उन्होंने कहा कि अवैध रूप से संचालित इकाईयों के विद्युत एवं पानी कनेक्शन काटे गए है। नगर परिषद के नाले से गंदा पानी एसटीपी में लेकर परिशोधन के पश्चात पानी रियूज के लिए देने की प्रक्रिया चल रही है। खुले नाले से प्राप्त पानी को भी एसटीपी से जोड़ा जा रहा है। 
सीईटीपी के अध्यक्ष अनिल गुलेच्छा ने पाली शहर में चल रही जल प्रदूषण रोकथाम की कार्ययोजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि कुछ अवैध फैक्ट्रियों व लोगों द्वारा नदी में गंदा पानी डाला जा रहा है। इसके साथ ही पाली शहर के आस पास के कही स्थानों पर कपड़ा धोने का काम चल रहा है। इस पर प्रशासन को शक्ति से कार्यवाही करने की जरूरत है। ट्रस्ट को जानकारी मिलने पर प्रशासन को सूचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में 30 किलोमीटर पाईपलाईन में करीब 1200 मैन हाॅल है जहां लिकेज की संभावना बनी रहती है। उन्होंने बताया कि पाली में लगभग 100 करोड़ प्रतिवर्ष का ट्रर्न आॅवर है जो आगामी दो वर्षो में 140 करोड तक होगा। सीईटीपी प्लांट संख्या सात में छह एमएलडी का प्रोजेक्ट तैयार होने के बाद पाली में 30 एमएलडी पानी का परिशोधन होने लगेगा। पुनायता सीईटीपी चार में अपग्रेडेशन का कार्य प्रस्तावित है। अरूण जैन ने कहा कि पाली में छोटे उद्योगों में केएलडी की खपत कम है। उन्हें केएलडी ट्रांसफर के अधिकार दिए जाने प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पाली में कपड़ा औद्योगिक संस्थाऐं विकट दौर से गुजर रही है। 185 में से 60 यूनिट बंद हो गई है। मास्टर ग्रेड पर 105 यूनिट केएलडी के अभाव में बंद हो जाएगी। उन्होंने एनजीटी के आदेश से जमा 20 करोड एवं प्लांट नम्बर छह की सबसिडी के छह करोड़ रुपये सीईटीपी के पुर्नद्धार देने की बात कहीं। 
बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत, आरआईपीसीबी के एसई भुनेश माथुर, अतिरिक्त जिला कलक्टर चन्द्रभानसिंह भाटी, उपखण्ड अधिकारी उत्सव कौशल, प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के क्षेत्रीय अधिकारी आरके बोडा, वैज्ञानिक दीपक ओझा, रिको के पीके गुप्ता, उद्योग विभाग के एसआर अली, प्रवीण कोठारी, विनय जैन, प्रदीप, नरेश मेहता, रवि मेहता, विकास चौधरी, सुरेशचन्द्र गुप्ता सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
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